अंबिकापुर। नव वर्ष के पहले दिन से ही नए कानून हिट एंड रन केस के विरोध में संभाग भर में यातायात व्यवस्था पूरी तरह ठप्प है। यात्रियों को इस हड़ताल से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। छतीसगढ़ ड्राइवर महासंगठन ने नए कानून के विरोध में तीन दिनों के हड़ताल की घोषणा की है।
कल एक जनवरी से शुरू हुए इस आंदोलन की वजह से बस स्टैंड से सारी बसें गायब रहीं। ट्रेन से बाहर से आए यात्री भी परेशान रहे। उन्हें अपने गंतव्यों के लिए जाने के लिए साधन नहीं मिले। जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है। हड़ताल का आज दूसरे दिन भी व्यापक असर दिखा। ट्रकों की हड़ताल सोमवार दोपहर तक समाप्त हो गई, लेकिन बसों का परिचालन पूरी तरह से बंद है। अंबिकापुर से रायपुर, बिलासपुर, गढ़वा, पटना, रांची, बनारस, इलाहाबाद, रायगढ़ एवं अन्य स्थानों के लिए आने-जाने वाली यात्री बसें नहीं चली। इससे यात्रियों को परेशान होना पड़ा। बसों का परिचालन बंद होने के कारण दुर्ग-अंबिकापुर ट्रेन में यात्री खचाखच भरे रहे। ट्रेन के अंबिकापुर पहुंचने के बाद यहां से आगे की यात्रा करने वाले लोगों को परेशान होना पड़ा। यात्रियों को ढोने वाले निजी टैक्सी में भी अधिकांश का परिचालन बंद रहा।
★ स्कूल बस व वैन भी बंद होने से स्कूलों में उपस्थित हुई प्रभावित
शहर के सभी प्रमुख स्कूलों के बस एवं वैन के संचालक भी हड़ताल पर हैं। सुबह स्कूल समय में बस एवं स्कूल वैन के नहीं पहुंचने से अभिभावक परेशान हुए। स्कूल छोड़ने के लिए स्वयं जाना पड़ा। इस कारण होलीक्रास के पास वाहनों की लाइन लग गई एवं एनएच 43 में करीब आधे घंटे तक जाम की स्थिति बनी रही। स्कूल बस एवं वैन संचालकों ने बताया कि नए कानून के विरोध में दो दिन बसें एवं वैन नहीं चलेंगे। बुधवार को भी स्कूल बसों एवं वैनों का संचालन बंद रहेगा।
★ सरगुजा के पेट्रोल पंप हो रहे ड्राई
सरगुजा में पेट्रोल की किल्लत आज मंगलवार को होनी शुरू हो गई है। कुछ पेट्रोल पंप में पेट्रोल खत्म हो गया है पर डीजल अभी शेष है। आईओसी के टैंकर ड्रायवरों की हड़ताल के कारण लोड नहीं पहुंचा था। संभाग भर में कई पेट्रोल पंपों में लोड नहीं आने के कारण ड्राई हो गए हैं। इसका एक बड़ा कारण यह भी रहा है कि पेट्रोल व डीजल की दरों में कमी होने की आशंका के चलते पेट्रोल पंप मालिक स्वयं कम लोड मंगा रहे थे या टाल रहे थे। इसके कारण पहले से ही उनके पास स्टॉक कम था।
महासंगठन की प्रमुख मांगे:
★ दुर्घटना होने पर ड्राईवर को 10 साल की सजा और 7 लाख जुर्माना ये काला कानून तुरन्त सरकार वापस लें।
★ देश के सारे ड्राईवर चालकों के लिए राष्ट्रीय वेलफेयर बोर्ड का गठन करके उसमें सामाजिक सुरक्षा, आरोग्य सुविधा, बच्चों की पढ़ाई की सुविधाएं मिले और बुढ़ापे में पेंशन की सुविधा मिले।
★ राष्ट्रीय चालक आयोग का निर्माण कराया जाए।
★ देश-भर में सरकार की तरफ से ड्राईवर दिवस 1 सितम्बर को मनाने के लिए परमिशन दिया जाये।