★ जहां सिंचाई के साधन वहां लग रहा रोपा, सुविधाविहीन खेतों में दरार, सूख रहे बोता
अंबिकापुर (thetarget365)। आषाढ़ का महीना खत्म होने की ओर है। अब तक जिन खेतों में फसल लहलहाया करती थी, उन खेतों में दरार पड़ने लगी है। खेतों में पर्याप्त पानी नहीं होने से यहां लगे धान पौधे पीले पड़ने लगे हैं। लेकिन किसानों ने उम्मीद नहीं छोड़ी है। इस आस के सहारे उन क्षेत्रों में धान की बोआई हो रही है, जहां सिंचाई के साधन है। किसान स्टाप डेम, मोटर पंप और ट्यूबवेहल के सहारे अपनी खेतों में पानी की व्यवस्था कर धान की बोआई करने में लगे हुए हैं। उन्हें उम्मीद है कि सावन में बारिश जमकर होगी और सूखती हुई फसलों को पानी मिलेगा।
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बैशाख के तेज गर्मी के बाद उम्मीद थी कि आषाढ़ के महीने में बादल बरसेंगे और खेती-किसानी में तेजी आएगी। उम्मीद के अनुसार बादल नहीं बरसे। आषाढ़ में दो-चार दिन सक्रिय हुए मानसून के तेवर सरगुजा संभाग में कमजोर पड़ गए। लेकिन थोड़े ही बारिश से किसानों की उम्मीद बढ़ी और फसल की बोआई का काम शुरू हो गया। लेकिन जल्द ही मानसून रुठ गया। बारिश अल्प वर्षा या कहें खंड वर्षा में बदल गई। इसका असर फसलों की बोआई पर पड़ा है। जिन क्षेत्रों में बोआई का कार्य हुआ था। उन क्षेत्रों में फसल को जिंदा रखना किसानों के लिए चुनौती हो गया है। खेत में पानी नहीं है और तेज धूप के कारण खेतों में दरार पड़ रही है। हरा भरा दिखने वाला धान का फसल पानी की कमी से पीला पड़ रहा है। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। वे किसान अधिक चिंतित हैं, जिन्होंने अपने खेतों में बोता (बीज का छिड़काव कर) लगाया है। किसानों का कहना है कि जल्द ही बारिश नहीं हुई तो इसका असर बोता पर पड़ेगा और फसल सूख जाएगी। बोता के साथ-साथ रोपा लगाने वाले किसानों की चिंता कम नहीं है।
हालांकि किसान उम्मीद के सहारे अपने खेतों में सिंचित करने में लगे हुए हैं। कोई स्टाप डेम से खेतों तक पानी पहुंचाने से कोशिश कर रहा है तो कोई मोटर पंप या ट्यूबवेल का सहारा ले रहे हैं।
क्या कहते है मौसम वैज्ञानिक
सरगुजा मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक एम के भट्ट का कहना है कि सरगुजा जिले में अब तक जितनी बारिश होनी चाहिए थी उससे 63 प्रतिशत कम हुई है। जोकि निश्चित तौर पर चिंताजनक है। उन्होंने बताया कि शुरू में सरगुजा में अच्छी बारिश हुई जिससे खेतों में नमी बना लेकिन पिछले तीन सप्ताह से बारिश नहीं होने व तेज धूप के कारण खेतों की मिट्टी से नमी गायब हो गई। खेतों में दरार आना शुरू हो गया है। मौसम वैज्ञानिक भट्ट ने बताया कि आने वाले दिनों में भी बारिश की कोई लक्षण नहीं दिख रहा है, ऐसे में इसका असर कृषि कार्य पर पड़ेगा। उन्होंने बताया कि सरगुजा में अब तक 172.4 मिली मीटर वर्षा हुई है जबकि औसतन 467.2 मिली मीटर होनी चाहिए थी जोकि 63 प्रतिशत कम है। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में बंगाल की खाड़ी में और अवदाब की स्थिति बनने पर उत्तर छत्तीसगढ़ में अच्छी बारिश होने का अनुमान है।