अंबिकापुर @thetarget365 सरगुजा जिले के उदयपुर थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत पोतका में अवैध कोयले का कारोबार जोर-शोर से चल रहा है। स्थानीय ग्रामीणों और खनिज विभाग की मौन सहमति के चलते कोयले की तस्करी फल-फूल रही है। क्षेत्र में मोटरसाइकिल और छोटे वाहनों के माध्यम से कोयला चोरी कर बड़े पैमाने पर भंडारण किया जा रहा है।
अवैध कारोबार का गढ़ बना पोतका
लखनपुर विकासखंड लंबे समय से कोयले के अवैध कारोबार के लिए बदनाम रहा है। इन दिनों पोतका में लखनपुर के स्थानीय व्यवसायी द्वारा कुछ तस्करों से मिलीभगत कर रोजाना 30-40 टन कोयला डंप किया जा रहा है। आरोप है कि यह कोयला अंबिकापुर और सूरजपुर जिले की रेहर गायत्री खदानों से चोरी कर लाया जाता है। तस्करों ने वनभूमि और राजस्व भूमि को अवैध भंडारण स्थल बना रखा है।
पुलिस और खनिज विभाग की भूमिका पर सवाल
ग्रामीणों का आरोप है कि स्थानीय पुलिस और खनिज विभाग की मिलीभगत से यह अवैध कारोबार चल रहा है। एक स्थानीय व्यवसायी का नाम प्रमुख रूप से सामने आया है, जो अपनी ऊंची पहुंच और प्रभावशाली अधिकारियों के समर्थन का दावा करता है। इस व्यवसायी की कथित तौर पर पुलिस अधीक्षक और दूसरे जिले के कलेक्टर से नजदीकियां हैं, जिसके कारण कार्रवाई नहीं हो रही है।
स्थानीय सहयोग और बड़े स्तर पर तस्करी
ग्राम पोतका में अवैध कोयले की खरीदी कई स्थानों से की जा रही है। तस्करी के इस नेटवर्क में कुछ स्थानीय ग्रामीणों का भी सहयोग लिया जा रहा है। मोटरसाइकिल ग्रुप के जरिए चोरी किया गया कोयला आसपास की वन भूमि में डंप किया जाता है। हैरानी की बात यह है कि पोतका और उसके आसपास कोई ईंट भट्ठा या चिमनी भी नहीं है, जिससे कोयले के इस भंडारण पर सवाल उठते हैं।
प्रशासन की चुप्पी से बढ़ती समस्या
अवैध कारोबार पर प्रशासन की निष्क्रियता ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया है। खनिज विभाग और पुलिस की निष्क्रियता के कारण कोयला तस्करी खुलेआम जारी है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन सख्ती से कार्रवाई करे तो इस अवैध कारोबार को रोका जा सकता है। फिलहाल, प्रशासन की चुप्पी ने कोयला तस्करों के हौसले बुलंद कर दिए हैं।
उदयपुर टीआई कुमारी चंद्राकर ने इस संबंध में कहा कि वे कल रात ही ग्राम पोतका गई थीं लेकिन उन्हें कहीं भी कोयले का अवैध भंडारण नहीं मिला है। यदि आप लोकेशन भेजें तो मैं कार्यवाही करने तैयार हूं।