अंबिकापुर (thetarget365)। अपने तीन सूत्रीय माँगों को लेकर 21 जून से अनिश्चितकालीन पर हड़ताल गए सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने सोमवार को आंदोलन स्थगित करने का निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी प्रकोष्ठ के 3 सूत्रीय मांगों के संबंध में चर्चा के लिए मिशन संचालक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के समक्ष संघ पदाधिकारियों को बुलाया गया था, जिसपर संघ के प्रतिनिधियों के द्वारा उक्त चर्चा में शामिल होते हुए अपने तीनों मांगों पर सार्थक एवं विस्तृत चर्चा किया गया है l जिसके उपरांत संगठन द्वारा विगत 4 दिवस से जारी अनिश्चितकालीन आंदोलन को स्थगित कर दिया गया है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष धनेश प्रताप सिंह एवं सीएचओ प्रकोष्ठ के जिला संयोजक करिश्मा केरकेट्टा ने सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के जायज मांगों को लेकर आंदोलन को सफल बनाने प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन प्रदान करने वाले समस्त संगठन, मीडिया के साथी, पुलिस प्रशासन एवं आम जनता का धन्यवाद देते हुए कहा है की CHOs के मांगों के प्रति शासन के द्वारा सकारात्मक रूख दिखाया गया हैं। लंबित कार्य आधारित वेतन हेतु राशि ज़िलों में भेज दी गई है अन्य 02 माँगों पर जल्दी ही पहल करने का आश्वासन मिला है। राज्य स्तरीय चर्चा में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन संचालक, संयुक्त संचालक, प्रभारी एच आर वित्त, उप संचालक, राज्य नोडल AAM एवं संगठन की तरफ से प्रांताध्यक्ष आलोक मिश्रा, कार्यकारी प्रांताध्यक्ष रविंद्र तिवारी, प्रांतीय संयोजक प्रफुल् पाल एवं राज्य कार्यकारिणी सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी प्रकोष्ठ उपस्थित रहे। आज के मीटिंग के मुख्य बिंदु कार्य आधारित मानदेय समस्त जिला में स्थानांतरित कर दिया गया हैं। जिसके समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियो का माह 2024 तक पूर्ण भुगतान किया जायेगा एवं भविष्य में कार्य आधारित मानदेय सीधा राज्य कार्यालय से DBT(डायरेक्ट बेनिफिसिरी ट्रांसफर) के माध्यम से एक निश्चित समय सीमा पर किया जायेगा। इसके निगरानी हेतु राज्य स्तर में कमेटी बनाई जाएगी जिसमें पारदर्शिता के लिए एक सामुदायिक स्वाथ्य अधिकारी को भी सम्मिलित किया जायेगा। महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए स्थानांतरण पालिसी हेतु टीम गठन करने एवं अन्य जिलों में पदस्थ सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियो की सूची मांगी गयी है। जिससे उनको उनके गृह जिलों में स्थानांतरण हेतु समिति द्वारा निर्णय लिया जा सके। मुख्यालय निवास हेतु दुरस्थ ग्रामीण अंचल पर कार्यरत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियो को विशेष छूट देने एवं मुख्यालय निवास पालिसी का अध्ययन करके यथा संभव निर्णय हेतु सकारात्मक चर्चा हुआ। किसी के भी ऊपर मुख्यालय में रहने हेतु दबाव नहीं बनाए जाने पर सहमति बनी। जिला संयोजक पवन वर्मा के सेवा में बहाली के सम्बन्ध में यह कहा गया है की पवन वर्मा के द्वारा कोर्ट में प्रकरण लंबित होने के कारण अभी आदेश निकालना संभव नहीं है पर उच्च न्यायालय के निर्णय आते ही बहाली के साथ साथ त्वरित कार्यवाही करते हुए जिम्मेदारों के ऊपर दंडनात्मक कार्यवाही किया जाएगा। इसी के साथ कई अन्य मांगों पर समय सीमा में निराकरण करने के आश्वासन के साथ आंदोलन को स्थगित किया गया है।