Indian Air Force: भारत अपनी वायु शक्ति को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए अमेरिकी कंपनी General Electric (GE) से 113 GE-404 टर्बोजेट इंजन खरीदने जा रहा है। यह सौदा लगभग 1 अरब डॉलर का होगा और उम्मीद है कि इस पर सितंबर 2025 तक मुहर लग जाएगी। इस सौदे के जरिए भारत अपने LCA तेजस मार्क 1A लड़ाकू विमानों की ताकत को दोगुना करने की तैयारी में है।
LCA मार्क 1A के लिए तैयार हो रहा है रास्ता
भारत सरकार पहले ही 62,000 करोड़ रुपये के रक्षा सौदे को मंजूरी दे चुकी है, जिसके तहत 97 नए LCA मार्क 1A जेट खरीदे जाएंगे। यह सौदा मौजूदा 83 विमानों के ऑर्डर के अतिरिक्त होगा, जिसके लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने पहले से ही 99 GE-404 इंजन का ऑर्डर दिया था। अब नए सौदे के साथ कुल 212 इंजन HAL को मिलेंगे।
हर महीने दो इंजन की सप्लाई
इस रणनीतिक साझेदारी के तहत GE हर महीने HAL को दो GE-404 इंजन की आपूर्ति करेगा। इससे HAL को 2029-30 तक पहले बैच के 83 विमानों की डिलीवरी और 2033-34 तक अगले 97 विमानों की डिलीवरी तय समय पर करने में मदद मिलेगी। इससे भारत की स्वदेशी लड़ाकू विमान निर्माण क्षमता को मजबूती मिलेगी और समयबद्ध उत्पादन सुनिश्चित हो सकेगा।
क्यों अहम है GE-404 इंजन सौदा?
विश्वसनीयता: GE-404 इंजन दुनिया भर में उपयोग में लाया गया है और यह उच्च प्रदर्शन एवं विश्वसनीयता के लिए जाना जाता है।
तेजस की ताकत: ये इंजन भारत के हल्के लड़ाकू विमान तेजस को हवा में लंबी दूरी तक मारक क्षमता और उच्च गतिशीलता प्रदान करते हैं।
आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा: इस सौदे के जरिए भारत अपनी रक्षा उत्पादन क्षमता को स्वदेशीकरण की ओर एक कदम और बढ़ा रहा है।
रक्षा क्षेत्र में बढ़ती साझेदारी
भारत और अमेरिका के बीच यह सौदा सिर्फ एक कारोबारी डील नहीं है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच रणनीतिक रक्षा साझेदारी को और मजबूत करता है। इससे पहले भी GE और HAL के बीच सहयोग के अंतर्गत इंजन निर्माण की स्थानीय असेंबली और मेंटेनेंस की योजनाएं सामने आ चुकी हैं।
GE-404 इंजन सौदे के साथ भारत अब वायुसेना को समय पर और अधिक शक्तिशाली तेजस लड़ाकू विमान उपलब्ध कराने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। यह कदम ‘आत्मनिर्भर भारत’ की परिकल्पना को साकार करने के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को और मजबूत करेगा।