★ नेत्र सहायक अधिकारी की सतत निगरानी व पहल से हो सका संभव
बलरामपुर-रामानुजगंज। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शंकरगढ़ अंतर्गत ग्राम जगिमा निवासी गंगाराम नगेसिया की पुत्री बसंती बचपन से ही मोतियाबिंद की परेशानी से जूझ रही थी। इसी दरमियान 2019 में सर्वे करने ग्राम पहुंचे नेत्र सहायक अधिकारी दुर्गेश त्रिपाठी को जब इसकी जानकारी लगी तो उन्होंने बसंती के परिवार को इसकी जानकारी दी और व्यवस्था कर उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शंकरगढ़ लाकर नेत्र परीक्षण कराया गया। जिसमें बसंती के दोनों आंखों में मोतियाबिंद होना पाया गया। इसकी सूचना उनके द्वारा अपने उच्च अधिकारियों को दी गई लेकिन मात्र छः माह की बच्ची होने के कारण आपरेशन संभव नहीं होने की बात सामने आई, जिस पर नेत्र सहायक अधिकारी द्वारा परिवार को इस संबंध में पूरी जानकारी दी गई और समय पर आपरेशन नहीं होने तक रुटीन चेकअप हुआ। इसके अलावा अन्य सावधानियां बरतने की बात परिवारजनों से बताई गई और स्वयं भी सतत रुटीन चेकअप करते रहे।
इस संबंध में नेत्र सहायक अधिकारी दुर्गेश त्रिपाठी ने बताया कि ऐसे केस में बच्ची का तत्काल आपरेशन हो पाना संभव नहीं था जिसमें उसकी आयु मात्र छः माह की थी। उनके द्वारा लगातार बच्ची को तीन वर्ष तक सतत रुटीन चेकअप में रखा गया, जब बच्ची की उम्र तीन वर्ष की हो गई तो राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम योजना के तहत नोडल अधिकारी दिव्य किशोर गुप्ता एवं बीएमओ व उच्च अधिकारियों के सहयोग से बच्ची बसंती के परिजन को शासन की योजना का संपूर्ण लाभ देते हुए मेडिकल कालेज रायपुर में भेजा गया। जहां तीन वर्ष होने के बाद जनवरी 2023 में उसके पहले एक आंख का आपरेशन किया गया और फिर लगभग छह महीने पश्चात दूसरी आंख के मोतियाबिंद का सफलतापूर्वक आपरेशन कराया गया। आपरेशन के पश्चात अब बसंती पूरी तरह से स्वस्थ है। नेत्र सहायक त्रिपाठी ने आगे बताया कि अभी भी बसंती का रुटीन चेकअप किया जाता है। वह अब खुश है और आंगनबाड़ी में पढ़ रही है, अब उसे कोई समस्या नहीं है।
नेत्र सहायक दुर्गेश त्रिपाठी ने ग्रामीणों से भी अपील की है कि यदि ऐसा कोई बच्चा या बच्ची जिसको आंख से संबंधित कोई समस्या हो रही है तो वे पास के क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्र में जाकर फ्री में सभी तरह की जांच करा सकते हैं। शासन द्वारा उन्हें सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। छोटे बच्चों में ऐसी समस्या आने पर लापरवाही न बरतें, तत्काल नजदीक के अस्पताल में जाकर नेत्र विशेषज्ञ को दिखाएं।