★ रिसेंट ट्रेंड्स इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी विषय पर हुई दो दिवसीय “अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी”
अंबिकापुर। होली क्रॉस वीमेंस कॉलेज के सभागार में रसायन विभाग द्वारा रिसेंट ट्रेंड्स इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी विषयांतर्गत दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई।
कार्यक्रम का शुभारंभ देश के विविध स्थानों से आए अतिथियों का पारंपरिक तरीके से स्वागत करके किया गया। तत्पश्चात ईश्वरीय वंदना दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इसके उपरांत महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा मनमोहक स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। स्वागत की परंपरा को सतत् रखते हुए पुनः सभी सम्मानित अतिथियों को पुष्प-पौधा प्रदान किया गया। स्वागत कार्यक्रम के पश्चात् शोध संछेपिका (सोवेनियर) का विमोचन मुख्य अतिथि डॉ. अजय तिर्की मेयर, अंबिकापुर द्वारा किया गया। इस अवसर में मंच पर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. सि. शांता जोसफ, उप प्राचार्य डॉ. सि मंजु टोप्पो, विशिष्ट अतिथि डॉ. रिज़वान उल्लाह, अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा व प्राचार्य, संगोष्ठी के प्रथम दिन के मुख्य वक्ता डॉ. डबल्यूबी गुर्नुले प्रोफेसर, कमला नेहरू कॉलेज, नागपुर, महाराष्ट्र, मुख्य वक्ता डॉ. निशा तिवारी, शासकीय बिलासा महिला पीजी महाविद्यालय, बिलासपुर, डॉ. उषा शुक्ला विभागाध्यक्ष, अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी की सह-संयोजक व विभाग की सहायक प्रधायापक ममता कश्यप तथा डॉ. प्रमोद यादव, सहायक प्राध्यापक, रसायन उपस्थित रहे। दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र का आगाज़ करते हुए महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. शांता जोसफ ने सभी उपस्थित अतिथियों व विद्वानों तथा प्रतिभागियों का स्वागत करके नए तकनीकी विज्ञान को प्रकाशित किया। अगले क्रम में संगोष्ठी के संयोजक डॉ. प्रमोद यादव ने उक्त सेमिनार के प्रस्तावना को अभिव्यक्त किया। इसके उपरांत कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. अजय तिर्की ने इस प्रकार के अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन करने हेतु पूरे महाविद्यालय परिवार को अपनी बधाई व शुभकामनाएं प्रेषित की। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. रिज़वान उल्लाह ने सेमिनार के विषय रिसेंट ट्रेंड्स इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी को आज वर्तमान विज्ञान शोध के निमित्त आवश्यक बताते हुए अपनी मंगलमय शुभकामनाएं प्रदान की। उद्घाटन समारोह के अंत में मुख्य व विशिष्ट अतिथि को स्मृति-चिह्न भेंट की गई l
इस संगोष्ठी के प्रथम दिवस के प्रथम तकनीकी सत्र में मुख्य वक्ता डॉ वीके झा, सहायक प्राध्यापक व प्रमुख रहे। सर्वप्रथम इस सत्र में संगोष्ठी के मुख्य वक्ता डॉ. डबल्यूबी गुलनुरे द्वारा रसायन में नेनो मेटेंरियल के अनुप्रयोग विषय पर विस्तार पूर्वक व्याख्यान प्रस्तुत किया। सत्र के मुख्य वक्ता डॉ. वीके झा कोऑर्डिनेशन केमिस्ट्री एंड कैटालिसिस पर अपने विचार व्यक्त किया। इसके साथ डॉ. अर्णव बनर्जी, सहायक प्राध्यापक, डॉ. मनोज झरिया, सहायक प्राध्यापक ने अपने शोध पत्र का वाचन किया।
संगोष्ठी के द्वितीय तकनीकी सत्र में मुख्य वक्ता डॉ. रोहित कुमार बरगाह, सहायक प्राध्यापक, शासकीय एसपीएम महाविद्यालय सीतापुर छत्तीसगढ़ रहे। ग्रीन केमिस्ट्री एंड इट्स रोल विषय पर विस्तार पूर्वक चर्चा किया। तत्पश्चात सि. फुलमंती नागेसिया, सहायक प्राध्यापक, सुश्री डिम्पी गुप्ता, सहायक प्राध्यापक, आलोक चक्रवर्ती, सहायक प्राध्यापक, विजेंद्र कुमार साहू, सहायक प्राध्यापक व डॉ. एसके जैन, सहायक प्राध्यापक ने अपने शोध पत्र का वाचन किया। प्रत्येक शोधार्थी ने अपने शोध पत्र के वाचन के पश्चात् किये गए प्रश्नों का संतोषजनक उत्तर दिया। प्रथम दिवस के संगोष्ठी के अंत में डॉ. डबल्यूबी गुर्नुले द्वारा पूरे दिवस में प्रस्तुत शोधों का निष्कर्ष बताया गया।
अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के द्वितीय दिवस के प्रथम तकनीकी सत्र का प्रारंभ मुख्य वक्ता व अतिथियों को पुष्प-पौधा प्रदान कर किया गया। इस तकनीकी सत्र का आरंभ ऑनलाइन प्लेटफार्म पर यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका के कैलिफोर्निया शहर की डॉ. उषा मांथा, एमडी लेसर्स इन मेडिसिन विषय पर प्रस्तुतिकरण किया। उक्त तकनीकी सत्र की मुख्य वक्ता डॉ. निशा तिवारी रही। उन्होंने ग्रीन केमिस्ट्री विषय को विस्तारपूर्वक वर्णित किया। इस सत्र में डॉ. रोशन आरा, यूएसए की रिसर्चर ने भी ऑनलाइन प्लेटफार्म पर विस्तार पूर्वक अपने शोध पत्र की चर्चा की। साथ ही सि. दिव्या गुलाब मिंज, सुश्री सोनल सिन्हा, अकील अहमद अंसारी, सहायक प्राध्यापक , रामेश्वरी ए बंजारा, सहायक प्राध्यापक व संजू सिंह, सहायक प्राध्यापक ने अपने शोध पत्र का वाचन किया।
संगोष्ठी के द्वितीय तकनीकी सत्र में मुख्य वक्ता डॉ. शिल्पी श्रीवास्तव, प्राध्यापक, कलिंगा विश्वविद्यालय, रायपुर रही, उन्होंने मेडिसनल केमिस्ट्री विषय को आलोकित किया। इस सत्र में सुश्री प्रज्ञा सिंह, सहायक प्राध्यापक ने अपने शोध पत्र का वाचन किया।अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह विशेष अतिथि डॉ वीके सिंह, पूर्व डीन व प्रोफेसर, कृषि महाविद्यालय, अंबिकापुर की उपस्थिति में संपन्न किया गया। समापन समारोह सर्वप्रथम विशेष अतिथि का स्वागत पुष्प-पौधा देकर किया गया। डॉ . वीके सिंह द्वारा रसायन विज्ञान व एग्रोनॉमी के बीच संबंध स्थापित करते हुए विषय का विस्तारपूर्वक वर्णन किया तथा महाविद्यालय परिवार को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। इस क्रम में आगे मंच पर महाविद्यालय की चार छात्राओं क्रमशः प्रणिता जायसवाल, सिंधु कुशवाहा, आफिफ फातिमा व अक्षिता सिन्हा द्वारा संपूर्ण संगोष्ठी पर अपने- अपने विचारों ( फीडबैक) को अभिव्यक्त किया।
डॉ . उषा शुक्ला, विभागाध्यक्ष, रसायन विभाग द्वारा संपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का विश्लेषण करके रिपोर्ट को प्रस्तुत किया। अंत में संगोष्ठी में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रमाण- पत्र दिया गया तथा बेस्ट पेपर हेतु पुरस्कार दिया गया। साथ ही संगोष्ठी में छात्राओं द्वारा पोस्टर का प्रदर्शन किया गया जिसमे बेस्ट पोस्टर पाने वाले छात्राओं को भी पुरस्कृत किया गया तथा उपस्थित अतिथियों को स्मृति- चिह्न प्रदान किया गया। उक्त संगोष्ठी में मंच का सफल संचलन व आभार प्रकट सुश्री प्रज्ञा सिंह, सहायक प्राध्यापक, अंग्रेजी ने किया। विदित हो कि इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में कुल 365 रजिस्ट्रेशन, ऑनलाइन प्लेटफार्म पर 50 व ऑफलाइन 20 विद्वानों ने अपने शोध पत्र का वाचन किया। इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार के सभी सहायक प्राध्यापक, कर्मचारी व छात्राएं उपस्थित रहे।महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. सि. शांता जोसफ ने इस उत्कृष्ठ संगोष्ठी हेतु रसायन विभाग को अपनी बधाई प्रेषित किया।
★ यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका के कैलिफोर्निया शहर की डॉ उषा मांथा, एमडी का लेसर्स इन मेडिसिन विषय पर प्रस्तुतिकरण तथा डॉ. डबल्यूबी गुर्नुले, प्रोफेसर, कमला नेहरू कॉलेज, नागपुर, महाराष्ट्र ने दी की-नोट प्रस्तुतिकरण
★ 15 व 16 दिसंबर को होली क्रॉस वीमेंस कॉलेज, अंबिकापुर में हुआ आयोजन