अंबिकापुर। प्रदेश के पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत व उनके करीबियों के यहां चल रही आईटी की रेड शनिवार चौथे दिन देर शाम को समाप्त हो गई है। चौथे दिन सुबह आईटी की टीम अंबिकापुर शहर के उन लोगों के घर तक पहुंची जो लंबे समय से शहर व आसपास के क्षेत्र में जमीन का कारोबार करते आ रहे हैं। पिछले दो दिन से खाद्य मंत्री के करीबी व्यवसायी राजीव अग्रवाल के घर पहुंची आईटी की टीम उनके नही मिलने की वजह से घर को सील कर दिया है। इसकी सूचना कोतवाली थाने में दे दी गई है। आईटी टीम जिन लोगों से पूछताछ कर रही थी सभी को छोड़ दिया गया है।
शनिवार को आईटी की रडार में पूर्व खाद्य मंत्री के करीबी व जमीन के कारोबारी के साथ भाजपा से जुड़े कुछ जमीन कारोबारी आ गए थे जिनसे टीम ने पूछताछ की है। शहर के एक बड़े ठेकेदार के निवास भी आईटी की टीम पहुंची थी। चार दिन से अंबिकापुर, मैनपाट, राजपुर, सीतापुर, रामानुजगंज में जगह-जगह डटी आईटी की टीम की जांच से खलबली मची रही। विभिन्न कारोबार में अवैध तरीके से बड़ी धनराशि कमाने वालों में हड़कंप का माहौल बना रहा। पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत से जुड़े कारोबारियों में हड़कंप ऐसी है कि कई भूमिगत हो गए हैं। अंबिकापुर शहर व आसपास बंगाली पुनर्वास भूमि की खरीद फरोख्त में कई लोगों के नाम सामने आये हैं। शनिवार को जिन लोगों को पड़कर पूछताछ की जा रही है वे पुनर्वास की भूमि खरीद फरोख्त का कारोबार वर्षों से कर रहे हैं। इनसे न सिर्फ कांग्रेस से जुड़े लोग बल्कि कई भाजपा नेता भी जुड़े हैं।
सरगुजा में आईटी की रडार पर ये रहे
★ राज्य गौ सेवा आयोग के सदस्य रहे कांग्रेस नेता अटल यादव
★ लकड़ी व्यवसायी राजीव अग्रवाल
★ निज सहायक राजेश वर्मा,
★ निज सहायक डॉ. फ्रेंकलिन टोप्पो
★ सिविल इंजीनियर प्रमोद टोप्पो
★ एसआई रूपेश नारंग
★ ड्राइवर महेंद्र
★ कांग्रेस नेता दिलीप धर
★भाजपा नेता संदीप घोष
★ संगीता मंडल
बता दें कि 31 जनवरी की सुबह मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ की आईटी टीम के अधिकारियों ने पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के रायपुर, अंबिकापुर और विधानसभा क्षेत्र सीतापुर स्थित आवास में एक साथ अलग-अलग टीमों के साथ दबिश दी थी। उसी दिन उनके पीए, करीबी एसआई व करीबी व्यवसायी के रायपुर के ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी की गई। 17 जनवरी को ईडी द्वारा कराई गई एफआईआर में अमरजीत भगत का नाम कोयला घोटाले के आरोपियों में शामिल है। छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाले के सूत्रधार सूर्यकांत तिवारी की डायरी में अमरजीत भगत का नाम है और उन पर 50 लाख रुपए लेने का जिक्र डायरी में उल्लेखित है।
आईटी की वापसी के बाद अमरजीत आये सामने
पांच दिनों तक चली आयकर छापेमारी के बाद अफसर आज अमरजीत भगत के ठिकानों से वापस लौटे। उसके बाद शाम मीडिया से चर्चा करते हुए का उन्होंने कहा कि आदिवासियों की आवाज दबाने की कोशिश के तहत ये कार्रवाई की गई है।
उन्होंने बताया कि आयकर के अधिकारी सात लाख नकद रायपुर और 27 लाख नकदी अंबिकापुर के घर से जब्त कर ले गए हैं। पूरे पांच दिन कार्रवाई करने के बावजूद टैक्स से संबंधित सारे दस्तावेज सही मिले है। कस्टम मिलिंग को हम डायरेक्ट ऑपरेट नहीं करते है, ये सिर्फ आदिवासियों को परेशान करने की साजिश है।
जांच थमी है पर राहत की उम्मीद नहीं अभी
पांच दिनों की जांच के बाद वापस आईटी की टीम लौट तो गई है पर जांच थमने से किसी को भी राहत मिलेगी ऐसी कोई उम्मीद नहीं है। आईटी की टीम ने अभी यह खुलासा नहीं किया है कि पूर्व मंत्री अमरजीत भगत सहित उनसे जुड़े लोगों से कितनी बेनामी संपत्ति मिली है। इसका खुलासा शेष है।