★ स्कूली बच्चों के सतत विकास, देखरेख एवं निरंतर कॉउंसलिंग द्वारा छात्र/छात्राओं को आपराधिक कृत्यों से दूर करने प्राइवेट शाला प्रबंधको की बैठक की गई आयोजित
★ सभी प्राइवेट शिक्षण संस्थाओं के प्रबंधको को सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन करने दिए गए दिशा निर्देश
अंबिकापुर। पिछले दिनों शहर में कई नाबालिग स्कूली बच्चों द्वारा यातायात के नियमो का उल्लंघन कर विडियो वायरल करने एवं आपराधिक घटनाओ में शामिल होने की घटनाओ को संज्ञान में लेकर पुलिस अधीक्षक सरगुजा के निर्देशन में गत दिवस जिला पंचायत सभाकक्ष में सभी प्राइवेट शिक्षण संस्थाओं के प्रबंधकों की मीटिंग आयोजित की गई। बैठक में नाबालिग छात्र/छात्राओं के सतत विकास, सुरक्षा एवं अन्य समस्याओ के निराकरण हेतु लगातार कॉउंसलिंग कर तनाव मुक्त करने की पहल पर जोर दिया गया।
बैठक में पुलिस अधीक्षक सरगुजा द्वारा स्कूल प्रबंधकों से नाबालिग बच्चों के दोपहिया एवं चारपाहिया वाहन के चालन एवं उपयोग पर पूर्णतः प्रतिबन्ध लागू करने व स्कूल परिसर एवं परिसर के बाहर बच्चों के वाहन चलाते पाये जाने पर संस्था की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए गए। सभी स्कूल टीचर की पुलिस वेरीफिकेशन कराने पश्चात ही शिक्षण कार्य कराने एवं बच्चों द्वारा स्कूल में लाई जा रही सामानो की सतत जांच करने शाला प्रबंधको को समझाईश दी गई।
एसपी अग्रवाल ने बच्चों की सुरक्षा हेतु माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी दिशा निर्देशों का स्कूल परिसर, स्कूल बसों एवं अन्य कार्यक्रमों के दौरान सख़्ती के साथ पालन कराए जाने के दिशा निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि बच्चों के पालको को समय समय पर एक साथ बैठाकर कॉउंसलिंग की व्यवस्था कराना सुनिश्चित किया जाए। निरंतर कॉउंसलिंग से नाबालिग छात्र छात्राओं कों तनावमुक्त कर सतत विकास करने की बात बताई गई। बैठक में पेरेंट्स मीटिंग व्यापक स्तर पर किये जाने एवं स्कूल परिसर मे शिकायत पेटी लगाने जहा सीसीटीवी ना लगा हुआ हो जिससे शिकायतकर्ता छात्र छात्रा अपनी गोपनीयता के लिए निश्चिंत रह सके, नाबालिग छात्र छात्राओं को इलेक्ट्रॉनिक गेजेट मोबाइल, टैब आदि स्कूल मे लाने पर पूर्ण पाबन्दी किये जाने हेतु समझाईस दिया गया।
बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी संजय गुहे, सहायक परिक्षेत्र अधिकारी रविशंकर पाण्डेय, रमेश सिंह, अनुविभागिय अधिकारी पुलिस अखिलेश कौशिक, महिला थाना प्रभारी निरीक्षक दुर्गेश्वरी चौबे, सभी शिक्षण संस्थाओं के प्राचार्य /प्रबंधक एवं सम्बंधित अधिकारी कर्मचारी शामिल रहे।