◆ पैसों की लालच में गड़बड़ी करने वाले शासकीय सेवक गिरफ्तारी से बचने भागे-भागे फिर रहे
अंबिकापुर। अंबिकापुर के बहुचर्चित जमीन घोटाले की गुरुवार को कलेक्टर न्यायालय में सुनवाई होगी। पहली सुनवाई के दौरान कथित भूस्वामी बंसू लोहार पेशी पर उपस्थित नहीं हुआ था। उनके पोते ने बंसू के रायपुर के एक अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी दी थी। अस्पताल का नाम उसने नहीं बताया था।
इसी बीच बंसू लोहार के भूमाफियाओं के कब्जे में होने के आरोप से मामले में नया मोड़ आ गया है। सबसे बड़ी बात है कि बंसू लोहार ने तीन करोड़ 68 लाख से अधिक की जमीन कथित रूप से बेची है। लेकिन उसके जीवन में थोड़ा भी बदलाव नहीं आया है। ग्राम परसा में एक कच्चा मकान तथा सेकंड हैंड चार पहिया के अलावा कुछ भी नहीं है। इतनी बड़ी राशि बैंक में जमा होने संबंधी कोई जानकारी स्वजन को भी नहीं है। ऐसे में गुरुवार को कलेक्टर न्यायालय में उसके उपस्थिति पर सब की निगाह टिकी रहेगी। यदि बंसू उपस्थित हुआ तो कई सवालों का जबाब मिलेगा। यदि आज भी वह गैरहाजिर रहा तो उसके भूमाफियाओं के कब्जे में होने के आरोप को बल मिलेगा। ऐसे में जांच की दिशा मुड़ जाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। पहली सुनवाई में जमीन क्रेताओं की ओर से उनके अधिवक्ता कलेक्टर के समक्ष उपस्थित हुए थे। आज होने वाली सुनवाई का भी यूट्यूब पर सीधा प्रसारण होगा। मालूम हो कि इस मामले में तत्कालीन नजूल अधिकारी दो राजस्व निरीक्षक तथा एक लिपिक के विरुद्ध गैर जमानती धाराओं के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है। सत्र न्यायालय से उनका जमानत खारिज हो चुका है। गिरफ्तारी से बचने के लिए वे भागे-भागे फिर रहे हैं। इन सभी ने सुनियोजित तरीके से शासकीय गोचर मद की चार एकड़ 22 डिसमिल जमीन को फर्जी तरीके से नामंतरित कर पैसे के लालच में खरीद बिक्री किया है। जिस बंसू लोहार का नाम इस मामले में आया है उसी के नाम से शहर और आसपास के इलाके में कई शासकीय जमीन का फर्जीवाड़ा किया गया है। उन सब प्रकरणों की फाइल भी धीरे-धीरे खुलने वाली है।