अंबिकापुर @thetarget365 सरगुजा जिले में वन विभाग एवं राजस्व अमले की संयुक्त टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बिना अनुमति काटी गई 20 ट्रक से अधिक नीलगिरी की लकड़ी जब्त की है। इन लकड़ियों की तस्करी उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे दिगर राज्यों में की जा रही थी। स्थानीय स्तर पर लंबे समय से चल रहे इस गोरखधंधे का पर्दाफाश प्रमुखता से समाचार प्रकाशित होने के बाद हुआ।
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सरगुजा के लखनपुर वनपरिक्षेत्र में धड़ल्ले से हो रही लकड़ी तस्करी, प्रशासन मौन!
बिना अनुमति हो रही थी कटाई, प्रशासन ने दी चेतावनी
प्रशासन द्वारा जारी सार्वजनिक सूचना में चेतावनी दी गई है कि निजी राजस्व भूमि पर लगाए गए यूकेलिप्टस और नीलगिरी के पेड़ों को बिना अनुमति काटकर बेचना अवैध है। इसके लिए पहले एसडीएम (राजस्व) की अनुमति आवश्यक होती है, जिसके बाद ही वन विभाग द्वारा एनओसी जारी की जाती है। लेकिन सरगुजा में नियमों को ताक पर रखकर बड़े पैमाने पर अवैध कटाई और तस्करी हो रही थी।
लखनपुर-उदयपुर वन परिक्षेत्र में चल रहा था गोरखधंधा
सरगुजा जिले के लखनपुर और उदयपुर वन परिक्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कोई नई बात नहीं है। एक ओर, अडानी को कोयला आपूर्ति के लिए हजारों पेड़ काटे गए, जिसमें प्रशासन और पुलिस की मिलीभगत देखी गई। दूसरी ओर, लखनपुर वन क्षेत्र में हजारों की संख्या में नीलगिरी के पेड़ काटकर लकड़ी को जय दुर्गा राइस मिल, गौरव पथ के ब्रिक्स मोड़, देवगढ़ मार्ग, अंधला राइस मिल और गोरता में डंप किया गया था।
बिना बीट पास हो रहा था परिवहन, तस्करों की मिलीभगत का अंदेशा
वन विभाग के नियमों के अनुसार, प्राइवेट भूमि पर पेड़ कटाई के लिए अनुविभागीय अधिकारी एवं वन विभाग की अनुमति आवश्यक होती है। लेकिन लकड़ी तस्करों ने बिना किसी अनुमति के कटाई की और अवैध रूप से लकड़ियों को उत्तर प्रदेश के रास्ते हरियाणा तक भेजने की योजना थी। तस्कर कटे हुए पेड़ों की डगाल जलाकर कोयला बना रहे थे और उसे भी बाजार में बेच रहे थे। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि बिना अनुमति पेड़ काटने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।