Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर अपना हमला और तेज कर दिया है। गुरुवार को कृष्णानगर में एक रैली को संबोधित करते हुए, ममता बनर्जी ने अमित शाह को “खतरनाक” करार दिया और उनकी तुलना पौराणिक पात्रों से की। उन्होंने कहा, “शाह की आँखों में दहशत है। उनकी एक आँख में आपको दुर्योधन तो दूसरी आँख में दुशासन दिखाई देगा।” यह बयान पश्चिम बंगाल की राजनीति में बढ़ते व्यक्तिगत और तीखे हमलों को दर्शाता है।
Mamata Banerjee: वोटर लिस्ट शुद्धिकरण (SIR) को लेकर महिलाएँ करें प्रतिरोध
मुख्यमंत्री ने रैली में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR), यानी मतदाता सूची के सत्यापन और शुद्धिकरण प्रक्रिया को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार इस प्रक्रिया को एक राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रही है। ममता ने महिलाओं से अपील करते हुए कहा, “वे (केंद्र सरकार) SIR के नाम पर माँओं-बहनों के अधिकार छीन लेंगे। वे चुनाव के दौरान दिल्ली से पुलिस बुलाएंगे।” ममता ने फिर से अपनी रणनीति दोहराते हुए कहा, “माताओ-बहनों, अगर आपके नाम काटे गए तो आपके पास किचन के बर्तन हैं, इनसे लड़िए। अपने नाम को लिस्ट से कटने मत देना। महिलाएँ आगे आकर लड़ेंगी, पुरुष इनके पीछे रहेंगे।”
Mamata Banerjee: 2026 चुनाव से पहले SIR को राजनीतिक हथियार बनाने का आरोप
ममता बनर्जी ने इस बात पर जोर दिया कि 2026 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले SIR को जानबूझकर एक राजनीतिक हथियार बनाया जा रहा है। उन्होंने अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि वह “वोटों के इतने भूखे हैं कि चुनाव से दो महीने पहले ही यह प्रक्रिया चला रहे हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि SIR का उद्देश्य गलत मतदाताओं के नाम हटाना और नए मतदाताओं को जोड़ना होना चाहिए, लेकिन यह बीजेपी को फायदा पहुँचाने के लिए हो रहा है। ममता ने यह भी दावा किया कि अक्टूबर से 12 राज्यों में SIR चल रहा है और इसके पीछे बीजेपी की मंशा है।
‘बंगालियों को बांग्लादेशी बताकर डिटेंशन कैंप भेजने की साजिश’
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर बंगालियों को उनकी नागरिकता के नाम पर निशाना बनाने का भी गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बंगालियों को “बांग्लादेशी” बताकर उन्हें डिटेंशन कैंप भेजने की साजिश रच रही है। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली से बीजेपी समर्थक अफसर भेजे जा रहे हैं, जो जिलाधिकारियों (DM) की निगरानी कर रहे हैं। ममता ने दृढ़ता से कहा, “अगर किसी को बाहर निकाला गया, तो हम वापस लाएँगे। बंगाल का मामला अलग है।”
अमित शाह का पलटवार: ‘घुसपैठियों को बचाने का प्रयास’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विरोध को घुसपैठियों को बचाने का प्रयास करार देते हुए पलटवार किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि SIR से “लोकतंत्र को प्रदूषित होने से बचाया जा रहा है।” शाह ने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि कुछ दल मतदाता सूची शुद्धिकरण के खिलाफ हैं, क्योंकि उन्हें घुसपैठिए वोट चाहिए। यह बयान दोनों नेताओं के बीच तीखे वैचारिक मतभेद को दर्शाता है।
गीता पाठ कार्यक्रम में माँस बेचने वालों पर हमले की निंदा
ममता बनर्जी ने एक अन्य संवेदनशील मुद्दे पर भी कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड पर हुए गीता पाठ कार्यक्रम के दौरान नॉनवेज (माँस) बेचने वाले दो दुकानदारों पर हुए हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं और चेतावनी दी, “यह बंगाल है, यूपी नहीं, यहाँ ऐसी गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं होगी।” इस घटना में, 7 दिसंबर को कुछ युवकों ने टोपसिया (कोलकाता) और अरंबाग (हुगली) के दो चिकन पट्टी विक्रेताओं पर हमला किया, उनका माल फेंक दिया और उन्हें कान पकड़कर सिटअप्स (उठक-बैठक) करवाए थे। पुलिस ने वायरल वीडियो और सबूतों के आधार पर बुधवार रात तीन आरोपियों—सौमिक गोल्डर (23), स्वर्णेंदु चक्रवर्ती (32) और तरुण भट्टाचार्य (51) को गिरफ्तार कर लिया।
धर्म जोड़ने के लिए है, बाँटने के लिए नहीं: सांप्रदायिक विभाजन पर हमला
ममता ने बीजेपी पर राज्य में सांप्रदायिक विभाजन की संस्कृति लाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “मैं सांप्रदायिक विभाजन में विश्वास नहीं करती, सभी धर्मों के साथ चलना चाहती हूँ।” उन्होंने गीता पाठ जैसे धार्मिक कार्यक्रमों के सार्वजनिक आयोजन पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “गीता पढ़ने के लिए सार्वजनिक सभा की क्या जरूरत? जो भगवान या अल्लाह से प्रार्थना करते हैं, वे दिल से करते हैं। धर्म बाँटने के लिए नहीं, जोड़ने के लिए है।”
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