नई दिल्ली : पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच अहम बैठक खत्म हो चुकी है। पीएम मोदी के आवास पर 40 मिनट तक चली बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल भी शामिल थे। इस बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी भारत सरकार के अगले कदम को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को सीडीएस अनिल चौहान के साथ मीटिंग की थी।
पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत सरकार लगातार अहम फैसले ले रही है। पाकिस्तान के साथ सिंधु समझौता खत्म करने से लेकर पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा कैंसिल करने तक भारत सरकार ने अपने फैसलों से पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश दिया है। आतंकी हमले के बाद दो बार पीएम मोदी ने जनता को संबोधित किया है और दोनों मौकों पर पीड़ितों को न्याय दिलाने की बात कही है।
लगातार बैठक कर रहे रक्षा मंत्री
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहलगाम हमले के बाद से लगातार बैठकें कर रहे हैं। उन्होंने सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के साथ बैठक की थी। इसके बाद सीडीएस अनिल चौहान के साथ भी बैठक की। रक्षा मंत्री से मिलने से पहले सेना प्रमुख ने पहलगाम का दौरा किया था और श्रीनगर में सेना के बड़े अधिकारियों से उनकी चौकी पर पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी और आतंकियों की घुसपैठ को लेकर अपडेट लिया था। रक्षा मंत्री ने सभी बड़े अधिकारियों से अपडेट लेकर प्रधानमंत्री के साथ बैठक की है। ऐसे में कोई अहम फैसला लिया जा सकता है।
पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार के अहम फैसले
- भारत ने सिंधु जल समझौते को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया, जिससे पाकिस्तान के लिए जल संकट की आशंका बढ़ गई।
- अटारी बॉर्डर को आम आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया।
- सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए और उन्हें 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया।
- नई दिल्ली में पाकिस्तानी हाई कमीशन के डिफेंस एडवाइजर्स को एक सप्ताह में देश छोड़ने का निर्देश दिया गया। दोनों देशों के हाई कमीशन में कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी गई।
- भारतीय वायुसेना ने ‘एक्सरसाइज आक्रमण’ के तहत सैन्य अभ्यास शुरू किया, जिसमें पहाड़ी और जमीनी लक्ष्यों पर हवाई हमलों का अभ्यास शामिल था। भारतीय नौसेना ने INS विक्रांत को मिग-29K फाइटर जेट्स के साथ अरब सागर में तैनात किया।
- जम्मू-कश्मीर में नौ आतंकियों के घर ध्वस्त किए गए, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी शामिल थे। ओवरग्राउंड वर्कर्स को भी गिरफ्तार किया गया।
- सरकार ने सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक की, जिसमें हमले की विस्तृत जानकारी साझा की गई और सुरक्षा चूक के कारणों पर चर्चा हुई। विपक्ष ने सरकार को पूर्ण समर्थन देने का ऐलान किया।
- भारत ने हमले के सबूत अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ साझा करने की योजना बनाई। अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, सऊदी अरब जैसे देशों ने भारत के साथ एकजुटता दिखाई।
- श्रीनगर और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए। उत्तर प्रदेश-नेपाल सीमा पर जांच बढ़ाई गई, और देशभर में संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा कड़ी की गई।
- हमले की जांच NIA को सौंपी गई और सुरक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए कदम उठाए गए।