★ थाने में शिकायत दर्ज करने से किया मना, मिडिया कर्मियों की हस्तक्षेप से दर्ज हुई शिकायत
अंबिकापुर @thetarget365 शहर के प्रतीक्षा बस स्टैंड स्थित पुलिस चौकी में चोरी के शक पर एक अधेड़ की पुलिस द्वारा जमकर पिटाई करने का मामला प्रकाश में आया है। घायल की शिकायत पर एसपी सरगुजा ने प्रधान आरक्षक को तत्काल सस्पेंड कर दिया है।
जानकारी अनुसार प्रार्थी लालमन कुशवाहा निवासी दर्रीपारा अंबिकापुर ने बताया कि वह प्रतिदिन सुबह व शाम अपने पालतू कुत्ता को घर से बस स्टैंड की ओर घूमाने जाता है। कल सुबह जब वह बस स्टैंड के पास कुत्ता घूमा रहा था तो एक बस का दरवाजा खुला हुआ था, तो उसने ड्राइवर को दरवाजा बंद करने की बात कही थी। लेकिन इसी बीच उसपर मोबाइल चोरी का आरोप लगाया गया। जिससे उसे वहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने थाने में बैठ दिया।
लालमन कुशवाहा ने बताया कि थाने में उसपर मोबाइल चोरी का झूठा आरोप लगाकर बुरी तरह पीटा गया। उसने बताया कि वह अपनी जान की खैरियत के लिए वहां पर मौजूद पुलिस कर्मियों को तीन हजार रुपए नगद भी दिया। इसके बावजूद उसे बहुत बुरी तरह पीटा गया और बाकी पैसा बाद में देने की बात कहने पर पुलिस ने उसे छोड़ दिया।
जिसके बाद वह अपने घर पहुंच कर मामले की जानकारी अपनी पत्नी व बेटी को दी। वह मामले की शिकायत करने परिजनों के साथ कोतवाली पहुंचा लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसे बाहर भगा दिया। इसी दौरान मिडिया कर्मियों के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने शिकायत दर्ज की।
पुलिस थाने में ही पुलिस प्रताड़ना से उसके शरीर में आए जख्मों को मीडिया कर्मियों को दिखाते हुए लालमन कुशवाहा की पत्नी राधा कुशवाहा ने कहा कि पुलिस आम जनता की सुरक्षा के लिए है ना की प्रताड़ना के लिए। पुलिस कर्मियों द्वारा उसके पति को मोबाइल चोरी के झूठे आरोप में फंसाकर बुरी तरह पीटा गया है। उसका परिवार इस पुलिस प्रताड़ना से मानसिक व शारीरिक रूप से पीड़ित है, उसे न्याय चाहिए।
प्रधान आरक्षक नेताम निलंबित
प्रार्थी लालमन कुशवाहा निवासी दर्रीपारा अंबिकापुर ने सोमवार को एसपी आफिस पहुंच लिखित शिकायत कर बताया कि 27 अक्टूबर को बस स्टैंड चौकी में पदस्थ प्रधान आरक्षक देवनारायण नेताम द्वारा उससे मारपीट किया गया है। शिकायत पर पुलिस अधीक्षक सरगुजा योगेश पटेल ने प्रथम दृष्टिया उपरोक्त प्रधान आरक्षक द्वारा आवेदक को मारपीट कर घोर अनुशासहीनता प्रदर्शित किये जाने पर छ.ग. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 के विपरीत कदाचार का होना पाये जाने पर प्रधान आरक्षक क्रमांक 01 देवनारायण नेताम को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। निलंबन अवधि में निलंबित प्रधान आरक्षक का मुख्यालय रक्षित केन्द्र, अंबिकापुर रहेगा, निलंबन अवधि में इन्हें नियमानुसार गुजारा भत्ता देय होगा।