अंबिकापुर। सोमवार को अंबिकापुर में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 440 जोड़ों का विवाह हुआ। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि लक्ष्मी राजवाड़े को शामिल होना था लेकिन वे आयोजन में शामिल ही नहीं हुई। अंतिम समय में उनका कार्यक्रम बदला और वे अपने प्रभार जिले बलरामपुर चली गईं।
विभागीय मंत्री की सामूहिक विवाह कार्यक्रम से दूरी राजनैतिक गलियारों के साथ ही विभागीय महकमे में भी चर्चा का विषय बना हुआ है। पांच वर्ष बाद छत्तीसगढ़ की सत्ता में वापसी करने वाली भाजपा लोकसभा चुनाव के पहले वादों को एक के बाद एक पूरा करती जा रही है। लोकसभा चुनाव से पहले सरकारी खर्चे पर सामूहिक विवाह बड़ा आयोजन था। इस आयोजन में विभागीय मंत्री की अंतिम समय में दूरी ने कई सवालों को जन्म दिया हैं। मंत्री चाहतीं तो अंबिकापुर के आयोजन में शामिल होकर भी बलरामपुर जा सकती थी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसके पीछे विभागीय अधिकारियों का मनमाना कार्य व्यवहार रहा या फिर प्रोटोकाल के पालन में चूक हुई, यह समय के साथ सामने भी आ जाएगा। अंबिकापुर, सरगुजा संभाग का मुख्यालय है। यहां के आयोजन का संदेश संभाग के सभी जिलों तक पहुंचता है। राजनेता यहां के आयोजन में शामिल होने कभी पीछे नहीं रहना चाहते लेकिन न जाने क्या परिस्थितियां बनी की मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने आयोजन में शामिल होना उचित नहीं समझा। एक दिन पहले तक सब सामान्य था लेकिन आयोजन के दिन अंतिम समय में मंत्री का कार्यक्रम बदल गया और वे सामूहिक विवाह समारोह में शामिल ही नहीं हुईं।