रामानुजगंज (thetarget365)। बच्चों में बढ़ती मोबाइल की लत किस प्रकार से जानलेवा साबित हो रही है यह रामानुजगंज के ग्राम मितगई में हुई घटना को देखकर सहज ही समझ जा सकता है। जहां मोबाइल देखने एवं बच्चों के बीच मामूली कहासुनी में 12 वर्ष का बच्चा इतना उग्र हो गया कि वह कमरे में जाकर दरवाजा बंद करके फांसी लगाकर लटक गया, जिससे उसकी मौत हो गई। घटना की सूचना पर पुलिस ने मर्ग कायम कर शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया। घटना की सूचना पर जिला पंचायत के सभापति राजेश यादव मौके पर पहुंचे।
जानकारी अनुसार, रामानुजगंज के ग्राम मितगई के वार्ड क्रमांक 01 निवासी आदित्य विश्वकर्मा खेत की ओर गए थे। वहीं उनकी पत्नी घर के बाहर थी, इसी दौरान सुबह 9.30 के करीब उनके बच्चों में आपस में मोबाइल देखने को लेकर मामूली कहासुनी करने लगे। इसी बीच उनका 12 वर्षीय पुत्र आशीष विश्वकर्मा इतना गुस्सा हुआ कि दूसरे कमरे में चला गया एवं फांसी पर लटक गया। घटना के मुश्किल से 2 से 5 मिनट के अंदर पिता भी मौके पर पहुंचे तो बच्चों ने बताया कि दरवाजा आशीष ने बंद कर लिया है। पिता ने तत्काल कमरे के ऊपर से खपड़ा हटाया और नीचे उतरे। आनन फानन में फंदे से उतार तत्काल बच्चों को लेकर सौ बिस्तर अस्पताल रामानुजगंज पहुंचे। जहां बीएमओ डॉ हेमंत दीक्षित ने जांच के बाद बालक को मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना पर मौके पर जिला पंचायत के सभापति राजेश यादव भी पहुंचे। मृतक बच्चे का राजेश यादव के बगल में ही घर है।
साड़ी का फंदा बना लटक दे दी जान
आशीष अपनी मां की साड़ी से फंदा गले में लगाकर लटक गया, जिससे उसकी जान चली गई। जो बच्चा मां के साड़ी के पल्लू को पकड़ चलना सीखा वही बचा आज साड़ी से लटक कर जान दे दिया।
बच्चों को कभी भी अकेले न छोड़े
कई बार होता है कि अभिभावक अपने छोटे बच्चों को एक साथ खेलने के लिए बोलकर चले जाते हैं। ऐसे में बच्चे कभी-कभी अच्छे से खेलते हैं लेकिन जब लड़ाई हो जाता है तो आपस में मारपीट करने लगते हैं ऐसे में बच्चों को अकेले छोड़ना उचित नहीं है। बच्चे जब भी खेल तो अभिभावकों के नजर में रहें।
बच्चों में मोबाइल का बढ़ता लत है खतरनाक
बच्चे दिन प्रतिदिन जिस प्रकार से मोबाइल की गिरफ्त में बुरी तरह जकड़ते जा रहे हैं यह कोई नशा से कम नहीं है। यदि अभिवावक बच्चों से मोबाइल छीन लेते हैं तो बच्चे उग्र हो जा रहे हैं। अपने माता-पिता से ही लड़ाई करना शुरू कर दे रहे हैं। ऐसे में बहुत ही सावधानी से बच्चों को धीरे-धीरे मोबाइल की लत से दूर करने की आवश्यकता है।