अंबिकापुर (thetarget365)। नगरीय निकाय चुनाव से पहले हुए परिसीमन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। परिसीमन का कार्य होने के बाद शहर की सीमाओं से संबंधित सूचना का प्रारंभिक प्रकाशन किया गया। नगर निगम अधिकारी द्वारा किए गए इस प्रारंभिक प्रकाशन के बाद कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों में असंतोष फैल गया है और सीमाओं के निर्धारण को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। प्रारंभिक प्रकाशन के बाद 15 जुलाई तक दावा आपत्ति के लिए समय सीमा निर्धारित किया गया है।
साल के आखिरी माह में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव के लिए प्रदेश भर के सभी नगर निगम में परिसीमन का कार्य कराया गया और इसकी प्रारंभिक प्रकाशन भी हुआ है। हालांकि प्रारंभिक प्रकाशन के बाद 15 जुलाई तक दावा आपत्ति के लिए समय सीमा दिया गया है। परिसीमन के बाद नगर निगम के वार्डों की संख्या तो नहीं बढ़ाई गई। लेकिन परिसीमन के बाद शहर के ज्यादातर वार्डो को 2014 की स्थिति में कर दिया गया है। इससे कई वार्डो के जनप्रतिनिधियों की चिंताएं बढ़ गई है और उनके वार्डो के मतदाता दूसरे वार्डो में चले गए हैं। जिसे लेकर कांग्रेस के साथ ही भाजपा पार्षद भी परेशान है। एक तरफ कांग्रेस इसे लेकर सत्ता पक्ष पर आरोप लगा रही है तो वहीं दूसरी ओर भाजपा भी इस मामले की शिकायत पार्टी फोरम में किए जाने की बात कह रही है।
अंबिकापुर नगर निगम आयुक्त प्रकाश सिंह राजपूत ने कहा है कि जिन्हें भी इस परिसीमन से आपत्ति है। वह 15 जुलाई तक सरगुजा कलेक्टर के पास अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते है। वही 2024 नगरी निकाय चुनाव के लिए जो परिसीमन हुआ है। वह 2011 में हुए जनगणना के अनुसार किए गए हैं। 2021 की जनगणना का आंकड़ा नहीं आ पाया है। इसीलिए पूर्व की भांति 2612 की जनसंख्या को आधार बनाकर 2019 में परिसीमन किया गया था और इस बार भी औसत जनसंख्या वार्डों की 2612 रखी गई है।
लिहाजा नगरी निकाय चुनाव से पहले हुए परिसीमन ने सिटिंग पार्षदों की नींद उड़ा दी है। नगर निगम आयुक्त कहा कि 15 जुलाई तक का समय दावा आपत्ति के लिए दिया गया है, और इस दौरान राजनीति दलों के द्वारा आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। लेकिन विगत वर्षों में हुए परिसीमन के दौरान देखा गया है कि आपत्तियों पर पुनः विचार नहीं किया जाता है। इसलिए इस बार भी आपत्ति के बाद इस परिसीमन में कोई फेरबदल होने की उम्मीद नहीं है। जिससे जनप्रतिनिधियों की परेशानी बढ़ जाएगी। क्योंकि उनके वार्डो का चुनावी समीकरण जनसंख्या जातिगत कारणो से बदल गया है।
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुरूप वार्डों के परिसीमन का प्रारंभिक प्रकाशन किया गया है। वर्ष 2019 में भी अंबिकापुर नगर निगम के वार्डों का परिसीमन वर्ष 2011 की जनगणना के अनुरूप किया गया था। इसके बाद न जनगणना हुई और न ही ऐसा कोई सर्वे हुआ जिसमें शहर की जनसंख्या में वृद्धि का दस्तावेजी प्रमाण है। ऐसे में सिर्फ वाडाँ की सीमाओं में बदलाव के लिए परिसीमन प्रासंगिक नहीं है। भाजपा कार्यालय में बैठकर मनमुताबिक वाडों की सीमा निर्धारित कर दी गई हैं इसमें व्यापक विसंगतियां सामने आ रही है।
डा अजय तिर्की
महापौर अंबिकापुर
कांग्रेस के लोग संभावित हार के डर से अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। 2011 की जनगणना के अनुरूप वर्ष 2019 में भी परिसीमन हुआ था। कांग्रेस शासन के परिसीमन का ही परिणाम था कि वर्ष 2019 में देवीगंज वार्ड की जनसंख्या सिर्फ 1800 थी और संत मदर टेरेसा वार्ड की जनसंख्या 4800 है। इतनी विसंगति के बाद कांग्रेसियों का आरोप हास्यास्पद है। उस दौरान विधायक जी के तपस्या स्थित निवास पर बैठकर उनकी मंशा के अनुरूप आयुक्त व दूसरे अधिकारी परिसीमन की प्रक्रिया पूरी किया करते थे।
आलोक दुबे
भाजपा पार्षद अंबिकापुर