नई दिल्ली@thetarget365 : केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि सरकार जल्द ही राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल शुल्क के लिए नई नीति की घोषणा करेगी, जिसमें उपभोक्ताओं को उचित छूट दी जाएगी. राज्यसभा में सवालों के जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि सरकार सड़क बुनियादी ढांचे के निर्माण पर बहुत खर्च कर रही है और इसलिए टोल चार्ज आवश्यक है.
गडकरी ने कहा, “यह विभाग की नीति है कि जब आपको अच्छी सड़क चाहिए, तो आपको इसके लिए भुगतान करना होगा.” उन्होंने कहा कि असम में सरकार 3 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बना रही है.
‘हम बहुत सी बड़ी सड़कें बना रहे हैं’
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हम बहुत सी बड़ी सड़कें बना रहे हैं, चार लेन, छह लेन. मैं ब्रह्मपुत्र पर बहुत से पुल बना रहा हूं. हम बाजार से पैसे जुटा रहे हैं, इसलिए बिना टोल के हम यह नहीं कर सकते. लेकिन फिर भी, हम बहुत विचारणीय हैं. हम केवल चार लेन पर टोल वसूल रहे हैं, दो लेन वाले पर नहीं.
टोल के लिए एक नई नीति
गौरतलब है कि 2008 के नियमों के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग के एक ही हिस्से पर और एक ही दिशा में 60 किलोमीटर के भीतर टोल प्लाजा स्थापित नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा, “वास्तव में, कुछ अपवाद हैं. इस सत्र को पूरा करने के बाद हम टोल के लिए एक नई नीति घोषित करने जा रहे हैं, जहां समस्या का समाधान किया जाएगा और हम उपभोक्ता को उचित रियायत देंगे और विशेष रूप से टोल के बारे में कोई बहस नहीं होगी.
टोल कलेक्शन में इजाफा
राष्ट्रीय राजमार्गों पर सभी यूजर्स शुल्क प्लाजा राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम, 2008 और संबंधित रियायत समझौते के प्रावधान के अनुसार स्थापित किए गए हैं. भारत में कुल टोल कलेक्शन 2023-24 में 64,809.86 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले साल की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक है. 2019-20 में कलेक्शन 27,503 करोड़ रुपये था.