प्रतापपुर (thetarget365)। सूरजपुर जिला अंतर्गत जनपद पंचायत प्रतापपुर के ग्राम गोविंदपुर में तालाब गहरीकरण के नाम पर हुई पांच लाख की बंदरबांट के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। मामले में लीपापोती होने की संभावना को देखते हुए ग्रामीणों ने सीईओ को ज्ञापन सौंप दोषियों के विरुद्ध पांच दिवस के भीतर कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
बता दें कि इस विषय को लेकर “thetarget365” ने 20 जून को प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। खबर पर संज्ञान लेते हुए जिला पंचायत सीईओ कमलेश नंदिनी साहू ने जनपद पंचायत प्रतापपुर के सीईओ राधेश्याम मिर्झा को मौके पर जाकर जांच करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद सीईओ मिर्झा की अगुवाई में बनी जांच टीम ने 21 जून को मौके पर जाकर जांच करते हुए ग्रामीणों के बयान भी दर्ज किए थे। ग्रामीणों ने जांच टीम के समक्ष दिए गए अपने बयानों में बताया था कि तालाब में गहरीकरण का कोई कार्य नहीं हुआ है। सारा कार्य कागजों में पूरा करते हुए मस्टररोल में फर्जी मजदूरों की हाजरी भरकर राशि की बंदरबांट की गई है। जिसके बाद जांच टीम ने ग्रामीणों को दोषियों के विरुद्ध दो दिन के भीतर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था। इस संबंध में भी “thetarget365” ने 23 जून को खबर प्रकाशित की थी। अब दिए गए आश्वासन को दो दिन बीत जाने के बाद भी मामले में दोषियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई न होने से नाराज ग्रामीणों ने बुधवार को जनपद पंचायत प्रतापपुर के सीईओ राधेश्याम मिर्झा को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में ग्रामीणों ने तालाब गहरीकरण करने के मामले में पूर्व में लगाए गए अपने आरोपों को पुनः दोहराते हुए दोषियों के विरुद्ध पांच दिवस के भीतर कार्रवाई करने की मांग की है। पांच दिवस के भीतर कार्रवाई न होने पर जनपद पंचायत कार्यालय प्रतापपुर के सामने बैठकर आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
नाली निर्माण में भी लगाया अनियमितता का आरोप
गोविंदपुर के ग्रामीणों द्वारा जनपद पंचायत सीईओ राधेश्याम मिर्झा को सौंपे गए ज्ञापन में तालाब गहरीकरण के मामले के अलावा गोविंदपुर में हुए लगभग तीस मीटर नाली के निर्माण कार्य में भी सरपंच व सचिव पर तीन लाख की अनियमितता का आरोप लगा जांच की मांग की है। साथ ही इन दोनों ही मामलों में जनपद पंचायत प्रतापपुर के कार्यक्रम अधिकारी व तकनीकी सहायक की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए जांच करने की मांग की है।