@thetarget365 : पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत को चेतावनी दी है कि यदि उसने सिंधु जल संधि का दोबारा उल्लंघन किया तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। ख्वाजा आसिफ ने कहा कि अगर भारत सिंधु नदी पर बांध बनाने के लिए कोई कदम उठाता है तो पाकिस्तान वहां हमला कर सकता है। उनके अनुसार, आक्रमण केवल गोली चलाने से ही नहीं होता, बल्कि पानी रोकना भी आक्रमण माना जा सकता है। यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंध और कूटनीतिक स्थिति बिगड़ रही है।
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में हुए हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) ने दोनों देशों के बीच जल-विभाजक को परिभाषित किया। इस समझौते के अनुसार, भारत का पूर्वी नदियों (राबी, ब्यास, सतलुज) पर नियंत्रण है, जबकि पाकिस्तान का पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब) पर अधिक अधिकार है। पाकिस्तान का आरोप है कि भारत इस समझौते का उल्लंघन कर सकता है, जिससे उसकी जल आपूर्ति बाधित हो सकती है।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की। भारत ने सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) को रद्द करने और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके अलावा वाघा-अटारी सीमा भी बंद कर दी गई है। इन घटनाओं ने भारत और पाकिस्तान के बीच स्थिति को और भी तनावपूर्ण बना दिया है। पाकिस्तान का जवाब है कि वे भारत की एकतरफा कार्रवाई से चिंतित हैं और इसकी कड़ी आलोचना कर रहे हैं।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शिकायत की है कि भारत को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपेक्षित समर्थन नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के आरोपों को दुनिया भर में खारिज कर दिया गया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास इसके लिए कोई ठोस सबूत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत पानी को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है, लेकिन पाकिस्तान युद्ध की ओर नहीं बढ़ना चाहता। हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान युद्ध की स्थिति का सामना करता है तो वे उसका मुंहतोड़ जवाब देंगे।
ख्वाजा आसिफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान सिंधु जल संधि के संबंध में विश्व बैंक से अपील करेगा कि भारत द्वारा संभावित उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई की जाए। पाकिस्तान इस मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उठाने का प्रयास कर रहा है, ताकि भारत पर दबाव डाला जा सके तथा यह सुनिश्चित किया जा सके कि सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान के अधिकारों का उल्लंघन न हो।