@thetarget365 : पहलगाम हमले के बाद भारत पूरी ताकत से पाकिस्तान को खत्म करने की योजना बना रहा है। सूत्रों के अनुसार, नई दिल्ली आईएमएफ से पाकिस्तान को मिलने वाली भारी मात्रा में सहायता पर सवाल उठाएगी। सूत्रों ने बताया कि भारत यह भी मांग करेगा कि पाकिस्तान को आतंकवाद पर नजर रखने वाली संस्था वित्तीय कार्रवाई कार्य बल की ‘ग्रे सूची’ में वापस डाल दिया जाए।
पिछले वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान के लिए 7 अरब डॉलर के सहायता पैकेज की घोषणा की थी। हालाँकि, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने इस धनराशि के साथ कई शर्तें भी लगाई हैं। जहां यह स्पष्ट रूप से कहा गया है, वहां एक भी पैसा अनावश्यक रूप से खर्च नहीं किया जा सकता। देश को आयकर के माध्यम से अपना सकल घरेलू उत्पाद बढ़ाना होगा। इसके अलावा, कृषि और रियल एस्टेट जैसे कई क्षेत्रों में कर लगाना होगा। सरकार को भारी छूट की राशि कम करनी चाहिए। पाकिस्तान ने सभी शर्तों के अधीन यह सहायता स्वीकार कर ली है।
लेकिन नई दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में अपनी आवाज उठाएगी, क्योंकि आईएमएफ की इस वित्तीय सहायता का दुरुपयोग किया जा रहा है। भारत का दावा है कि आईएमएफ सहायता के रूप में पाकिस्तान को दी जा रही धनराशि वास्तव में आतंकवादियों के लिए इस्तेमाल की जा रही है। भारत यह दावा करेगा कि पाकिस्तान आईएमएफ के धन का उपयोग आतंकवादी हमलों से लेकर लोगों की हत्या की जघन्य साजिशों तक हर चीज के लिए कर रहा है। नई दिल्ली पाकिस्तान को दी जाने वाली आईएमएफ सहायता का भी कड़ा विरोध करेगी।
भारत यह भी मांग करेगा कि पाकिस्तान को FATF की ‘ग्रे लिस्ट’ में वापस डाला जाए। चार साल के लंबे अंतराल के बाद 2022 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर निकाला गया। उस समय बताया गया था कि आतंकवाद को वित्तीय और अन्य सहायता बंद करने के लिए पाकिस्तान को 34 शर्तें दी गई थीं। इनमें से 27 स्थितियां आतंकवादी वित्तपोषण से संबंधित थीं और सात धन शोधन से संबंधित थीं। इस्लामाबाद ने उस कार्ययोजना की सभी शर्तें पूरी कर दी हैं! लेकिन पहलगांव हमले में पाकिस्तान को बार-बार फंसाया गया है। भारत इस मुद्दे को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर पाकिस्तान को घेरने की योजना बना रहा है।