अंबिकापुर। उदयपुर में संचालित पीकेईबी कोल ब्लाक के लिए आज गुरूवार को एक साथ हजारों पेड़ काटे जा रहे हैं। मौके पर प्रशासन ने बड़ी संख्या में फोर्स तैनात कर दिया है। राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी को आबंटित इस कोल ब्लाक में कोल उत्पादन व परिवहन के लिए एमडीओ अदानी इंटरप्राइजेस कंपनी है। छत्तीसगढ़ की पिछली सरकार द्वारा माइनिंग परमिशन रोक दिए जाने के कारण एक अक्टूबर से खदान बंद थी। प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद खदान के एक्सटेंशन की परमिशन जारी हो गई है।
सरगुजा के उदयपुर में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड को आबंटित परसा ईस्ट केते बासेन कोल ब्लाक के लिए 2682 हेक्टेयर भूमि आबंटित की गई है, जिसमें से 70 प्रतिशत एरिया फारेस्ट लैंड है। 2013 से हसदेव अरण्य क्षेत्र के इस कोल ब्लाक में कोल उत्पादन किया जा रहा है। गत वर्ष छत्तीसगढ़ सरकार ने इस खदान क्षेत्र के 134.84 हेक्टेयर भूमि पर कोल माइनिंग की परमिशन दी थी। एक वर्ष पूर्व 43.6 हेक्टेयर भूमि से फोर्स लगाकर 8000 पेड़ काटे गए थे।
विधानसभा चुनाव से पूर्व भूपेश सरकार ने पीकेईबी खदान के एक्सटेंशन के लिए 91.2 हेक्टेयर भूमि से पेड़ कटाई की अनुमति रोक दी थी। प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही शेष वनभूमि से पेड़ कटाई के लिए हरी झंडी मिल गई है। गुरूवार को सैकड़ों की संख्या में फोर्स को घाटबर्रा में तैनात कर दिया गया है। एक ही दिन में हजारों पेड़ काटने की तैयारी है। इसके लिए मशीनों के साथ वनविभाग का अमला पहुंच गया है। क्षेत्र में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
पेड़ कटाई शुरू करने के पूर्व गुरूवार को सुबह खदान एवं पेड़ कटाई का विरोध कर रहे आंदोलनकारियों को कब्जे में ले लिया है। हसदेव अरण्य क्षेत्र के पेड़ों को कटने से बचाने के लिए हरिहरपुर में आंदोलन स्थल पर भी पुलिस तैनात हो गई है। सुबह ही आंदोलनकारियों में रामलाल करियाम निवासी साल्ही, जयनंदन सिंह पोर्ते निवासी घाटबर्रा को पुलिस उठाकर ले गई। इनके अलावे मुनेश्वर सिंह एवं आनंद कुसरो को भी पुलिस साथ ले गई है।