अंबिकापुर @thetarget365 सरगुजा जिले के लखनपुर विकासखंड स्थित स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला), नीलम गुप्ता द्वारा प्राचार्य संजय कुमार वर्मा के खिलाफ की गई शिकायत की जांच “विशाखा समिति” द्वारा की गई। जांच के उपरांत समिति ने निष्कर्ष दिया कि प्राचार्य वर्मा का आचरण अशिष्ट, अभद्र और अशोभनीय है, जो कार्यस्थल पर महिलाओं के प्रति लैंगिक उत्पीड़न की श्रेणी में आता है। यह व्यवहार छात्र-छात्राओं और समस्त स्टाफ के लिए अनुचित और पद की गरिमा के विपरीत पाया गया।
समिति की अनुशंसा के आधार पर, प्राचार्य संजय कुमार वर्मा को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम 3 और 22(3) तथा कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम, 2013 के उल्लंघन का प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए, छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम-9 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय संभागीय संयुक्त संचालक, लोक शिक्षण, सरगुजा संभाग, अंबिकापुर नियत किया गया है, और उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।
इसके अतिरिक्त, समिति ने नीलम गुप्ता के संबंध में भी निष्कर्ष निकाला कि उनके विद्यालय में बने रहने से वातावरण दूषित होने की संभावना है। इसलिए, उन्हें छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के नियम-3 का प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए, तत्काल प्रभाव से वर्तमान विद्यालय से मुक्त कर सेजेस विद्यालय, देवगढ़, विकासखंड-सीतापुर, जिला-सरगुजा में कार्य संपादन हेतु आदेशित किया गया है।
जिला कलेक्टर एवं सेजेस विद्यालय सरगुजा के अध्यक्ष द्वारा जारी इन आदेशों के बाद, शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। इस कार्रवाई से कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न के मामलों में सख्त रुख अपनाने का संदेश गया है।