Rahul Gandhi Defamation Case : कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को झारखंड के चाईबासा कोर्ट ने आज मानहानि के एक पुराने मामले में सशर्त जमानत दे दी है। कोर्ट ने उन्हें स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे ट्रायल में पूरी तरह सहयोग करेंगे।
क्या है मामला?
यह मामला वर्ष 2018 से जुड़ा है। 28 मार्च 2018 को दिल्ली में आयोजित कांग्रेस के एक अधिवेशन के दौरान राहुल गांधी ने उस समय बीजेपी अध्यक्ष रहे अमित शाह पर कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस बयान को लेकर भाजपा नेता प्रताप कुमार ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा झारखंड के चाईबासा सीजेएम कोर्ट में जुलाई 2018 में दर्ज कराया था।
गैर-जमानती वारंट भी हुआ था जारी
राहुल गांधी की इस मामले में अब तक अदालत में पेशी नहीं हो पाई थी। इसी को लेकर चाईबासा कोर्ट ने 24 मई 2025 को उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करते हुए उन्हें 26 जून को शारीरिक रूप से पेश होने का आदेश दिया था। राहुल गांधी ने इस वारंट को रद्द करने के लिए झारखंड हाईकोर्ट का रुख किया था। हाईकोर्ट ने उन्हें 6 अगस्त को चाईबासा कोर्ट में पेश होने का निर्देश दिया।
अंतिम संस्कार में शामिल होने के बाद कोर्ट पहुंचे राहुल
मंगलवार को राहुल गांधी पहले झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। इसके बाद उन्होंने रांची में रात्रि विश्राम किया और बुधवार को सुबह चाईबासा कोर्ट पहुंचे। विशेष एमपी-एमएलए अदालत में उनकी पेशी के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
कोर्ट ने दी जमानत, अगली सुनवाई जल्द
अदालत ने सुनवाई के बाद राहुल गांधी को जमानत प्रदान की। यह जमानत इस शर्त पर दी गई है कि वे ट्रायल की प्रक्रिया में पूरा सहयोग करेंगे और आवश्यकता पड़ने पर अदालत में उपस्थित होंगे।
क्या कहा कांग्रेस ने?
कांग्रेस नेताओं ने इसे एक राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया। पार्टी प्रवक्ताओं का कहना है कि विपक्ष के बड़े नेताओं को कोर्ट के मामलों में उलझाकर जन मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है। हालांकि पार्टी ने यह भी साफ किया कि राहुल गांधी न्यायालय की प्रक्रिया का सम्मान करते हैं और हर कानूनी प्रक्रिया में पूरी तरह सहयोग करेंगे।
सालों पुराने इस मानहानि मामले में चाईबासा कोर्ट ने राहुल गांधी को फौरी राहत दे दी है, लेकिन मामला अभी समाप्त नहीं हुआ है। अगली सुनवाई में यह देखना दिलचस्प होगा कि अदालत की प्रक्रिया किस दिशा में आगे बढ़ती है। वहीं, इस पूरे घटनाक्रम पर राजनीतिक हलकों की पैनी नजर बनी हुई है।