कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति गौतम अडाणी के कथित रिश्तों को लेकर बड़ा हमला बोला है। बुधवार को उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों के सामने पीएम मोदी खड़े नहीं हो पा रहे हैं क्योंकि अडाणी पर अमेरिका में जांच चल रही है और इसी वजह से प्रधानमंत्री के “हाथ बंधे हुए हैं”।
राहुल ने कहा कि मोदी सरकार की सबसे बड़ी कमजोरी उसकी पूंजीपतियों पर निर्भरता है। उन्होंने दावा किया कि मोदी का अडाणी और अंबानी (AA) के साथ रिश्ता अब जगजाहिर हो चुका है और इसी रिश्ते के कारण सरकार अमेरिकी दबाव का जवाब नहीं दे पा रही।
अडाणी पर अमेरिकी जांच जारी
राहुल ने जिस जांच का हवाला दिया, वह 2024 में अमेरिका में शुरू हुई थी, जिसमें अडाणी समूह समेत आठ लोगों पर धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। अमेरिकी अटॉर्नी ऑफिस के आरोप पत्र में बताया गया था कि अडाणी की कंपनियों ने भारत में अक्षय ऊर्जा प्रोजेक्ट हासिल करने के लिए सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी। यह मामला अभी भी जांच के दायरे में है।
“भारतीय इकोनॉमी डेड, मोदी ने मारा” – राहुल
राहुल गांधी ने 31 जुलाई को भी पीएम मोदी पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने सही कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था ‘डेड’ है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने अडाणी की मदद के लिए देश की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया। उनके अनुसार, अब केवल प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री ही यह मानने को तैयार नहीं हैं कि देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है।
ट्रंप के ऑपरेशन सिंदूर दावे पर सवाल
28 जुलाई को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान भी राहुल ने ट्रंप के दावों को लेकर पीएम मोदी से जवाब मांगा। ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाया था। इस पर राहुल ने चुनौती देते हुए कहा, “अगर प्रधानमंत्री में दम है तो सदन में खड़े होकर कहें कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं।”
उन्होंने सवाल उठाया कि पीएम मोदी सशस्त्र बलों का इस्तेमाल अपनी छवि सुधारने के लिए कर रहे हैं, जो देश के लिए खतरनाक संकेत है।
भारत पर बढ़ सकते हैं अमेरिकी टैरिफ
डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि वे भारत पर और अधिक टैरिफ लगा सकते हैं। 30 जुलाई को उन्होंने पहले ही भारत पर 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। ट्रंप का आरोप है कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर ओपन मार्केट में बेच रहा है, जिससे रूस की युद्ध मशीन को ईंधन मिल रहा है और यूक्रेन युद्ध लंबा खिंच रहा है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, रूस से भारत का तेल आयात यूक्रेन युद्ध से पहले 0.2% था, जो 2025 में बढ़कर 17.8 लाख बैरल प्रतिदिन हो गया है।
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को ट्रंप के सामने “झुकने वाला” बताते हुए आरोप लगाया है कि निजी उद्योगपतियों से जुड़े मामलों के कारण भारत की विदेश नीति और आर्थिक निर्णय अमेरिकी दबाव में आ रहे हैं। आने वाले दिनों में अमेरिका-भारत संबंधों और अडाणी पर अमेरिकी जांच को लेकर राजनीतिक बयानबाजी और तेज हो सकती है।