★ जेल मुख्यालय से मिले अनुमति पत्रक के बाद प्रबंधन ने पूर्ण की तैयारी
अंबिकापुर @thetarget365 केंद्रीय जेल अंबिकापुर में रक्षाबंधन के मौके पर चार वर्ष बाद बंदियों को उनकी बहनों से प्रत्यक्ष मुलाकात होगी। जेल मुख्यालय रायपुर से मिले अनुमति पत्रक के बाद बंदियों और जेल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रबंधन ने तैयारियां अपने अंतिम चरण हैं। जेल में भाइयों से मुलाकात के दौरान बहनों को अधिकतम 100 ग्राम मिठाई और राखी ले जाने की अनुमति होगी। कोई बहन किसी कारणवश राखी नहीं ला पाई है, तो जेल प्रबंधन इसकी व्यवस्था करेगा।
देशभर में आज सोमवार, 19 अगस्त को भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व मनाया जाएगा। पर्व मनाने के लिए सभी अपने-अपने स्तर पर तैयारियों में जुटे हैं। पिछले दिनों शहर में जहां एक ओर स्वजनों के साथ बहनें मनपसंद राखी खरीदने के लिए निकली हैं, वहीं केंद्रीय जेल प्रबंधन की ओर से चार साल बाद बंदी भाइयों के लिए प्रत्यक्ष रक्षासूत्र बांधन के लिए मौके पर की जाने वाली आवश्यक तैयारियों को अंतिम रूप दिया। जेल अधीक्षक योगेश सिंह क्षत्री रविवार को स्वयं दोपहर बाद तक यहां की जाने वाली आवश्यक तैयारियों का जायजा ले रहे थे। जेल में बंद किसी भाई की कलाई सूनी न रहे, इसके लिए केंद्रीय जेल में पंजीयन की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इसके लिए दो काउंटर जेल कैंपस में बनाए गए हैं। चिकित्सा व्यवस्था के लिए भी काउंटर बनाया गया है, ताकि आपात परिस्थिति में दूरदराज से आने वाली बहनों को समुचित चिकित्सा व्यवस्था मिल सके।
जेल में 1823 पुरूष व 121 महिला बंदी
केंद्रीय जेल में आज की स्थिति में बंदियों की संख्या में कमी आई है। वर्तमान में जेल में 1823 पुरूष और 121 महिला बंदी हैं। प्रथम चरण में जेल में बंद भाइयों की सूनी कलाई में रक्षासूत्र बांधन का मौका बहनों को मिलेगा। चार साल बाद भाइयों के सूनी कलाई में मिले मौके को बहनें गंवाना नहीं चाहेंगी, इसे देखते हुए जेल के गेट में दो पंक्ति के लिए बैरीकेडिंग की गई है। साथ ही यह सूचना भी चस्पा किया गया है कि जेल परिसर में अनावश्यक घूमना, प्रतिबंधित सामग्री रखकर बंदियों को देना अथवा देने का प्रयास करना कारागार अधिनियम के तहत दंडनीय है। सुरक्षा की दृष्टि से इन्हें पहचान पत्र भी साथ लेकर आना होगा, जिसमें उनका नाम, पूरा पता दर्ज हो। इससे अनावश्यक लोगों को प्रवेश नहीं मिल पाएगा।
35 महिला बंदियों ने भेजी 121 राखियां
केंद्रीय जेल के अधीक्षक योगेश सिंह क्षत्री ने बताया कि अगर जेल में बंद किसी महिला का भाई राखी बंधवाने के लिए आता है तो इनका पंजीयन करने के बाद राखी बंधवाने के लिए एक समय निर्धारित किया जाएगा। जेल में वर्तमान में 121 महिला बंदी हैं, इनमें से 35 महिला बंदियों ने 101 राखियां अपने भाइयों के लिए भिजवा दी है। पूर्व में ही जेल प्रबंधन की ओर से इसकी व्यवस्था कर दी गई थी, ताकि समय पर उनके भाइयों को राखी मिल सके। उन्होंने बताया रक्षाबंधन के दिन लगभग दो हजार बहनों के आने की उम्मीद है। जेल प्रबंधन की ओर से भाइयों के तिलक, आरती की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि राखी बांधने की प्रक्रिया सुबह से शुरू कर दी जाएगी। प्रयास रहेगा कि 4.30 बजे तक राखी बांधकर बहनें रवाना हो जाएं।
कोरोना के बाद पहला रक्षाबंधन
कोरोना काल के बाद ये पहला वर्ष होगा, जहां जेल में बंद कैदियों को उनकी बहनें राखी बांध सकेंगी। बता दें कि भारत में वर्ष 2020 में कोराना का पहला केस मिलने के बाद से जेल मुख्यालय ने एहतियात बतौर प्रदेश भर की जेलों में रक्षाबंधन पर्व के मौके पर भाइयों की कलाई पर बहनें राखी नही बांध पा रही थी। जेल मुख्यालय ने कोरोना के फैलते संक्रमण को देखते हुए जेल परिसर में रक्षाबंधन पर्व नहीं मनाने का आदेश जारी किया था। इसके बाद बहनों का बंदी भाइयों से मुलाकात नहीं हो पा रहा थ। जेल परिसर में लेटर बाक्स या डिब्बे में राखी डालकर जाने की व्यवस्था की गई थी, जिसे सैनीटाइज करके बंदियों तक पहुंचाया जाता था। इसके अलावा बात करने के लिए प्रिजन कालिंग की व्यवस्था की गई थी।
सुरक्षा के पुख्ता किए गए इंतजाम
रक्षाबंधन पर्व को देखते हुए केंद्रीय जेल में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। जेल में अपने भाइयों से मुलाकात करने के लिए आने वाली बहनों को बाहर से किसी भी तरह की प्रतिबंधित सामग्री मोबाइल, रुपये, खाने की चीजें ले जाने की अनुमति नहीं होगी। जेल अधीक्षक ने बताया कि सुरक्षा के मद्देनजर 19 अगस्त को रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया अधिकतम तीन बजे तक चलेगी। रात्रिकालीन लाॅकअप के समय का ध्यान रखा जाएगा। जेल के सभी स्टाफ इस दौरान सुरक्षा सहित अन्य गतिविधियों पर नजर रखेंगे ही, वाह्य सुरक्षा के लिए जिला पुलिस बल की मदद ली जाएगी।