बलरामपुर- रामानुजगंज। रामानुजगंज में पहले जहां रामलीला में लोगों की भीड़ उमड़ती थी। वहीं अब धीरे-धीरे इंटरनेट के युग में रामलीला में काफी कम संख्या में लोग आते हैं। बाहर से आये कलाकारों की टीम गांव-गांव में जाकर रामलीला का मंचन किया करते थे। रामलीला मंचन को लेकर लोगों में विशेष उत्साह पहले देखा जाता था। परंतु अब ऐसी स्थिति नहीं रही परंतु तमाम विपरीत परिस्थिति के बीच आज भी रामलीला को प्रयागराज से आए कलाकारों ने जीवित रखा है। वे वर्ष भर देश विभिन्न कोनों में घूम-घूम कर रामलीला करते हैं। रामलीला के कलाकारों में राम भगवान के प्रति अटूट प्रेम एवं आस्था देखते बन रहा है।
रामलीला टीम के प्रमुख पंडित राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि मैं 10 वर्ष की आयु से रामलीला में सम्मिलित हो रहा हूं। मुझे रामायण के विभिन्न किरदार करने में बहुत ही आत्मीय संतुष्टि मिलती है। हम वर्ष भर देश के विभिन्न कोनों में घूम-घूम कर रामलीला का मंचन करते हैं। पूरे देश में सबसे अधिक हम लोग को प्यार एवं सम्मान उत्तर प्रदेश एवं झारखंड में मिलता है। यहां भी अभी भी लोग रामलीला के महत्व को समझते हैं एवं देखने आते हैं। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश एवं झारखंड के बाद मध्य प्रदेश में भी हम लोग को अच्छा प्यार एवं सम्मान मिला। पांडे ने बताया कि बस्तर के जगदलपुर, नारायणपुर कांकेर, धमतरी, कुंडा, दंतेवाड़ा सहित बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रों में भी हम लोगों को रामलीला करने का मौका मिला। जहां बिना किसी व्यवधान के रामलीला संपन्न हुई वहां के लोगों से भरपूर प्यार भी मिला काफी संख्या में दर्शक भी वहां रामलीला देखने पहुंचे।
भगवान राम के जन्म से लेकर रावण वध तक विभिन्न लीलाओं का होता है वर्णन
रामलीला में भगवान राम के जन्म से लेकर रावण वध, राम जी का राज्याभिषेक तक विभिन्न लीलाओं का वर्णन होता है। संगीत के साथ-साथ नाट्य मंचन व प्रेरक संदेशों के साथ कलाकार अपनी प्रस्तुति देते हैं।
शनिवार से गांधी मैदान में रामायण रामलीला महोत्सव का होगा शुभारंभ
शनिवार से नगर के गांधी मैदान में रामायण रामलीला महोत्सव का सात दिवसीय आयोजन का शुभारंभ होगा। जिसके लिए सारी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। रामलीला के प्रमुख राजेंद्र प्रसाद पांडे ने बताया कि प्रयागराज के उम्दा कलाकारों के द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी।