★ पिता की मौत के बाद राजस्व अभिलेखों में नाम दर्ज कराने भटक रहे मां-पुत्र
अंबिकापुर @thetarget365 सरगुजा जिले में राजस्व विभाग के अधिकारियों के कार्यप्रणाली से हर कोई वाकिफ हैं। आदेश होने के बाद भी लेन-देन व राजनीतिक रसूख के बगैर यहां कोई भी कार्य आसानी से करा पाना संभव नहीं होता है। लेकिन अब तहसील कार्यालय के अधिकारियों के द्वारा अब अपने वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश को भी मानने से इंकार करने का मामला सामने आया है। राजस्व विभाग के अधिकारियों के इस गैरजिम्मेदाराना रवैया से एक गरीब ग्रामीण युवक और उसकी मां को राजस्व अभिलेखों में अपना नाम दर्ज कराने दर दर भटकना पड़ रहा है।
अंबिकापुर के रहने वाले अविनाश राजवाड़े का कहना है कि उनके पिता नरेंद्र राजवाड़े की मौत के बाद उनके स्वामित्व की भूमि पर उसका भी नाम चढ़ना था। लेकिन उनके परिजनों के द्वारा उनके पिता की भूमि के खाते में उसका नाम चढ़ने नहीं दिया जा रहा है। जिसके कारण अविनाश ने इस मामले को एसडीएम कोर्ट में चुनौती दिया, जहां उसके पक्ष में फैसला सुनाया गया और तहसीलदार अंबिकापुर को उनके पिता की स्वामित्व की भूमि में अविनाश का भी नाम चढ़ाएं जाने का आदेश दिया गया। लेकिन इस बीच अविनाश के विरोधियों के द्वारा एसडीएम के फैसले को सरगुजा कमिश्नर कोर्ट में चुनौती दी गई। लेकिन यहां भी अविनाश के पक्ष में सरगुजा कमिश्नर कोर्ट ने 16 जुलाई 2024 को फैसला सुनाया।
अविनाश का कहना है कि इस बीच छत्तीसगढ़ राजस्व बोर्ड में भी उसके ही पक्ष में फैसला दिया गया है। इसके बावजूद आज तक तहसीलदार अंबिकापुर व श्रीगढ के पटवारी ने उसका नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज नहीं किया है। अविनाश ने बताया कि वह दो सप्ताह पूर्व भी कलेक्टर सरगुजा के जनसुनवाई में इस मामले की शिकायत दर्ज कराने गया था। जिसपर कलेक्टर सरगुजा ने एसडीएम अंबिकापुर को तत्काल कार्रवाई करने निर्देश दिया था, इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
अंततः उसने इस मामले में कार्रवाई के लिए सरगुजा संभाग कमिश्नर कार्यालय का दरवाजा खटखटाया। कमिश्नर सरगुजा ने 25 अक्टूबर को कलेक्टर सरगुजा को सात दिनों के भीतर कार्रवाई करते हुए उन्हें सूचित करने का पत्र जारी किया है। लेकिन अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं किया गया है।
तो आत्मदाह कर लूंगा- अविनाश
पीड़ित अविनाश राजवाड़े का कहना है कि पिछले चार वर्षों से वह राजस्व विभाग का चक्कर काट रहा है। राजस्व कोर्ट का आदेश उसके पक्ष में आने के बाद भी तहसीलदार अंबिकापुर द्वारा कार्रवाई करने को लेकर उसे परेशान किया जा रहा है। ऐसे में वह अब कलेक्टर कार्यालय में ही आत्मदाह करेगा। जिसका जिम्मेदार राजस्व विभाग होगा।
अविनाश का कहा कि उसके परिवार में मात्र वह और उसकी बेवा मां है। ऐसे में शहर के भूमाफिया के द्वारा राजस्व अधिकारियों को पैसा देकर राजस्व कोर्ट के फैसले पर अमल नहीं करने दिया जा रहा है।
रिकार्ड दुरूत करने की कार्यवाही की जा रही है- तहसीलदार
वही इस मामले में अंबिकापुर तहसीलदार उमेश बाज का कहना है कि कमिश्नर कोर्ट से आदेश के बाद 45 दिनों तक का स्टे होने का कारण रिकार्ड दुरूत नहीं हो सका है। लेकिन अब प्रक्रिया के तहत रिकार्ड दुरूत किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जल्द ही अविनाश राजवाड़े का नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज कर लिया जाएगा।