प्रतापपुर (सूरजपुर)। आखिरकार 10 वर्ष के मासूम रिशु का फिरौती के लिए अपहरण व हत्या कर शव को जला देने वाले निर्मम हत्यारोपितों के शासकीय भूमि पर बने मकानों को प्रशासन ने बुधवार को जमींदोज कर दिया। आरोपितों के मकान तोड़ने से पूर्व प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली थी। आरोपितों को शासकीय भूमि पर बने उनके मकानों को तोड़ने का नोटिस भी जारी कर दिया गया था।
किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए मौके पर भारी संख्या में स्थानीय व बाहर से बुलाए गए पुलिस के अधिकारी व जवान तैनात थे। प्रशासकीय अधिकारी कर्मचारियों के साथ नगर पंचायत के पदाधिकारी भी उपस्थित थे। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करने से पूर्व बिजली विभाग के कर्मचारियों ने आरोपितों के मकानों की बिजली सप्लाई को काटा। फिर प्रशासन ने आरोपितों की दुकानों के शटर के ताले तोड़कर वहां रखे कुर्सी टेबल आलमारी व अन्य सामानों को बाहर निकाला। निकाले गए सभी सामानों की गिनती कर उन्हें सूचीबद्ध किया गया। आरोपितों के मकानों के ऊपर लगी शीट व दुकानों में लगे शटर को भी खोलकर बाहर निकाला गया। आरोपितों के मकानों को पूरी तरह से खाली करने के बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की गई। देखते ही देखते प्रशासन के निर्देश पर नगर पंचायत के कर्मचारियों ने हथौड़ी व अन्य औजारों की मदद से आरोपितों के मकानों को जमींदोज कर दिया। इस बीच आरोपितों के घर की ओर जाने वाले मार्ग के दोनों ओर पुलिस द्वारा पूर्व से ही लगाए गए बैरिकेड के सामने लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई थी जिसे पुलिस ने समझाइश देकर बैरिकेड से दूर हटाया।
गौरतलब है कि नगर के होटल व्यवसाई अशोक कश्यप के 10 वर्ष के इकलौते पुत्र रिशु कश्यप का 29 जनवरी को उसके पड़ोस में ही रहने वाले आरोपित शुभम सोनी 26 व विशाल ताम्रकार 28 ने फिरौती के लिए अपहरण कर उसे करसी के जंगल में ले गए थे जहां उसकी हत्या कर शव को पेट्रोल से जला दिया था। इतना सब करने के बाद भी आरोपित रिशु के पिता को धमकाते हुए फिरौती के रूप में छह लाख की मांग कर रहे थे। मामले में पकड़े गए आरोपितों के विरुद्ध पुलिस ने हत्या, अपहरण व साक्ष्य छुपाने जैसी गंभीर धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया है।
पूरी हुई पीड़ित परिवार की मांग
पुलिस ने आरोपितों की निशानदेही पर बरामद की गई रिशु की अस्थियों को स्वजनों को सौंप दिया था। अस्थियां की डीएनए जांच के लिए फोरेंसिक एक्सपर्ट ने माता पिता का ब्लड सैंपल भी ले लिया है। स्वजनों की मांग थी कि पहले आरोपितों के मकानों को तोडा जाए उसके बाद ही रिशु का अंतिम संस्कार करेंगे। क्षेत्रवासियों व विभिन्न संगठनों की भी यही मांग थी की आरोपितों के मकानों को तोड़ा जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटना को अन्य कोई अपराधी प्रवृत्ति वाला व्यक्ति अंजाम देने की कोशिश ना करे। अंततः प्रशासन ने स्वजनों व जनभावनाओं का सम्मान करते हुए आरोपितों के मकानों को ध्वस्त कर दिया है। आरोपितों के मकान टूटने के बाद रिशु के स्वजनों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे अब अपने बच्चे का अंतिम संस्कार तो कर देंगे पर जिस प्रकार से उनके बच्चे को उनसे छीना गया उसका गम तो उन्हें जीवन के आखिरी क्षणों तक रहेगा। आज जो आरोपितों के मकान तोड़े गए हैं उसे वे रिशु को मिली एक श्रंद्धाजलि के रूप में देखते हैं तथा देश की कानून व्यवस्था से यह मांग करते हैं कि आरोपितों को जल्द से जल्द फांसी पर चढ़ाया जाए। स्वजनों ने कहा कि जिस दिन आरोपितों को फांसी पर चढ़ाया जाएगा उसी दिन वे मानेंगे कि रिशु को सच्ची श्रद्धांजलि मिली है।
आरोपितों सहित चार परिवारों के मकान टूटे
प्रशासन ने शासकीय भूमि पर बने आरोपितों के मकानों सहित कुल छह मकानों को बेदखली का नोटिस जारी किया था। जिसमें से बुधवार को चार मकानों को तो प्रशासन ने तोड़ दिया पर बाकी के बचे दो मकानों को स्टे आर्डर मिल जाने के कारण प्रशासन उन्हें नहीं तोड़ सका। मकान तोड़े जाने के दौरान आरोपितों के स्वजनों अन्य किसी की तरफ से किसी भी प्रकार का कोई विरोध देखने को नहीं मिला। पर इस दौरान एक अलग घटना देखने को मिली जिसमें स्टे के कारण टूटने से बचे मकान में मौजूद लोगों पर मकान के पीछे की ओर से कुछ लोगों ने पथराव करना शुरू कर दिया था। पर स्थिति बिगड़ने से पूर्व ही मौके पर पूरी तरह से मुस्तैद पुलिस बल ने पथराव कर रहे लोगों को समझाइश देते हुए दूर हटाकर स्थिति को अपने काबू में लिया। बताया जा रहा है कि कुछ लोगों द्वारा स्टे प्राप्त मकान पर इसलिए पथराव किया गया था क्योंकि वे चाह रहे थे कि आरोपितों से संबंधित कोई भी मकान न बचे। दरअसल स्टे के कारण टूटने से बचे मकान भी आरोपितों के रिश्तेदारों के ही बताए जा रहे हैं।