प्रतापपुर (सूरजपुर)। वैसे तो जनपद पंचायत प्रतापपुर अंतर्गत आने वाली कुछ पंचायतों के सरपंच सचिव निजी लाभ अर्जित करने के लिए गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य कराने को लेकर हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं। पर इस बार तो हद तब हो गई जब जनपद पंचायत प्रतापपुर की ही ग्राम पंचायत कनकनगर में निर्माण कार्य शुरू करने के लिए पंचायत के खाते में आई तीन लाख 60 हजार की शासकीय राशि को अपनी निजी संपत्ति मानकर निर्माण कार्य शुरू किए बगैर ही सरपंच सचिव ने मिलकर गबन कर लिया।
दरअसल कनकनगर के पंडोपारा में स्थित नाले में पुलिया निर्माण कार्य के लिए ग्रामीणों की मांग पर वर्ष 2022 में पंद्रहवें वित्त के तहत जिला पंचायत सदस्य मंजू मिंज ने अपने मद से नौ लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की थी। पहले तो यह बता दें कि पंचायतों में होने वाले किसी भी निर्माण कार्य को शुरू करने के लिए नियमानुसार निर्माण राशि की कुल लागत का 40 प्रतिशत हिस्सा पहले ही पंचायत विभाग द्वारा संबंधित पंचायत के खाते में स्थानांतरित कर दिया जाता है। इसी नियम के अनुसार कनकनगर में भी पुलिया निर्माण के लिए स्वीकृत हुई नौ लाख की राशि का 40 प्रतिशत यानी तीन लाख 60 हजार पंचायत के खाते में भेजे गए थे। जिसके बाद पुलिया निर्माण कार्य का बकायदे भूमिपूजन भी किया गया था। भूमिपूजन तो हुआ पर निर्माण कार्य आज तक शुरू नहीं हो सका। क्योंकि जब निर्माण कार्य शुरू करने के लिए पंचायत को मिली राशि को सरपंच सचिव ने मिलकर पहले ही डकार लिया तो अब निर्माण कार्य कौन सी राशि से शुरू होगा। इस गहरे नाले के ऊपर से गुजरने के लिए ग्रामीणों ने बिजली के खंभे डालकर एक अस्थाई पुलिया बना रखी है। पंडोपारा व गोंड़पारा दोनों को जोड़ने वाले इस अस्थाई पुलिया के ऊपर से रोजाना दर्जनों स्कूली बच्चे व ग्रामीण गुजरते हैं। इस संबंध में पंडोपारा के पंच सोमारू पंडो ने बताया कि यहां पुलिया निर्माण शुरू करने पंचायत को राशि मिली थी जिसे सरपंच सचिव आपस में मिलकर बांट लिए अब मजबूरी में इसके ऊपर गांव में पड़े बिजली के खंभों को डालकर अस्थाई पुल बनाए हैं पर इस अस्थाई पुल को पार करना काफी जोखिम भरा साबित हो रहा है इसके ऊपर से गुजर कर गांव में ही स्थित डीएवी स्कूल में पढ़ाई के लिए जाने वाले छोटे छोटे बच्चे आए दिन फिसलकर नाले में गिर जाते हैं। सोमारू ने बताया कि नाले में गिरने से कई बच्चों के तो हाथ पैर भी टूट चुके हैं साथ ही कई बार मवेशी भी गिरकर घायल हो जाते हैं। वर्षाकाल में तो स्थिति और भी भयावह हो जाती है क्योंकि उस समय नाला उफान पर होता है, ऊपर से नाले के दोनों ओर की सड़क भी कच्ची हालत में पड़ी है। वहीं अन्य ग्रामीणों ने प्रदेश में बन चुकी नई सरकार से शासकीय राशि का दुरूपयोग करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने के साथ ही यहां पुलिया निर्माण कराने की मांग की है।
★ बैठकों में भी नहीं हुआ निराकरण
बताया जा रहा है कि जब ग्रामीणों को इस बात की जानकारी हुई कि सरपंच सचिव ने पुलिया निर्माण की राशि का गबन कर लिया है तब उन्होंने गांव में कई बार बैठक कर सरपंच सचिव से पुलिया निर्माण की राशि के संबंध में जानकारी मांगी पर हर बार सरपंच सचिव ने जल्द ही पुलिया निर्माण कार्य शुरू करेंगे कहकर मामले को टालते जा रहे हैं।
★ सरपंच ने कहा ट्रेक्टर की किश्त जमा करनी है
बताया जा रहा है कि जब पंचायत के खाते में पुलिया निर्माण से संबंधित तीन लाख 60 हजार आ गए तो सरपंच ने सचिव से कहा कि उसे अपने ट्रेक्टर की किश्त जमा करनी है इसलिए उस राशि में से 60 हजार निकाल कर दे दो बाद में जब पुलिया निर्माण शुरू करेंगे तब हिसाब कर लेंगे। जिसके बाद सचिव ने सरपंच से भी दो हाथ आगे जाते हुए पंचायत के खाते में मौजूद पूरे के पूरे तीन लाख 60 हजार अपने एक परिचित के खाते में 27 अक्टूबर 2022 को स्थानांतरित कर दिए। स्थानांतरित राशि में से 60 हजार तो सचिव ने सरपंच को दे दिए पर बाकी के तीन लाख अकेले ही हजम कर गया।
★ मामला तत्कालीन सीईओ की जानकारी में था
गौरतलब है कि कनकनगर पंचायत में सरपंच सचिव द्वारा मिलकर किया गया पुलिया निर्माण से संबंधित 3 लाख 60 हजार के गबन का मामला जनपद पंचायत प्रतापपुर के तत्कालीन सीईओ मो. निजामुद्दीन की जानकारी में था। इस संबंध में ग्रामीणों ने उनके पास शिकायत भी की थी पर उन्होंने इस मामले में लीपापोती करने के अलावा और कोई कार्रवाई नहीं की। इतना ही नहीं भ्रष्टाचार को संरक्षण देने के लिए प्रतापपुर क्षेत्र के लोगों के बीच हमेशा चर्चाओं में रहे तत्कालीन सीईओ मो. निजामुद्दीन से उक्त मामले के अलावा भी ग्रामीणों ने अन्य कई पंचायतों में हुए सीसी रोड, शासकीय भवन, स्कूलों की मरम्मत, नाली निर्माण, शौचालय, डबरी, गोठान, नहानी घर, व स्वच्छ भारत मिशन जैसे कई कार्यों में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत की थी पर इन शिकायतों पर भी तत्कालीन सीईओ ने कोई कार्रवाई नहीं की। इससे स्पष्ट होता है कि पंचायतों में हुए इन भ्रष्टाचारों में कहीं न कहीं तत्कालीन सीईओ मो. निजामुद्दीन की भूमिका भी रही है जो कि जांच का विषय है। बता दें कि वर्तमान में सीईओ मो. निजामुद्दीन जनपद पंचायत वाड्रफनगर में पदस्थ हैं।
उक्त मामले की जांच कराई जाएगी जांच में गबन की पुष्टि होने पर दोषियों से वसूली की कार्रवाई की जाएगी।
लीना कोसम
सीईओ
जिला पंचायत सूरजपुर