उदयपुर @thetarget365 छत्तीसगढ़ में पंचायत सचिवों का अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है। सरकार द्वारा 24 घंटे के भीतर हड़ताल समाप्त करने के निर्देश के बावजूद सचिव संघ ने इसे दमनात्मक करार देते हुए आदेश की प्रति जलाकर विरोध जताया।
जनपद पंचायत उदयपुर सचिव संघ ने आज धरना प्रदर्शन स्थल पर एकत्रित होकर सरकार के आदेश की निंदा की। संघ के अध्यक्ष बाबूलाल दास, संरक्षक रामबिलास यादव और अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि जब तक पंचायत सचिवों की मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
क्या हैं पंचायत सचिवों की मांगें?
पंचायत सचिवों का मुख्य मुद्दा उनके शासकीयकरण से जुड़ा हुआ है। विधानसभा चुनाव 2023-24 के दौरान सरकार ने पंचायत सचिवों को शासकीय करने का वादा किया था। 7 जुलाई 2024 को रायपुर में आयोजित “सचिव दिवस सम्मेलन” में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और अन्य नेताओं ने इस पर सहमति जताई थी और कमेटी गठित करने की घोषणा की थी।
इसके बाद 16 जुलाई 2024 को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने एक समिति बनाकर 30 दिनों में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थे। रिपोर्ट प्रस्तुत होने के बावजूद सरकार ने अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिससे सचिव संघ में असंतोष बढ़ता गया।
हड़ताल से प्रभावित कार्य
17 मार्च 2025 से जारी इस हड़ताल के कारण पंचायत स्तर पर कई विकास कार्य ठप हो गए हैं। नवनिर्वाचित सरपंचों को प्रभार नहीं मिल पा रहा है और पंचायती राज के तहत आने वाले 200 से अधिक कार्यों पर असर पड़ा है।
सचिव संघ ने स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी मांगों को सरकार पूरा नहीं करती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।