Rahul Gandhi support: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा उठाए गए ‘वोट चोरी’ के दावों को गंभीरता से लेते हुए खुलकर समर्थन किया है। यह कदम तब आया है जब पार्टी में मतभेद के बीच थरूर ने राहुल गांधी के रुख का पहली बार इस तरह खुलकर साथ दिया। उन्होंने चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए चुनाव आयोग से त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
शशि थरूर का बयान: लोकतंत्र की विश्वसनीयता बचाएं
थरूर ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट एक्स (पूर्व ट्विटर) पर कांग्रेस के एक पोस्ट को साझा करते हुए लिखा, “ये गंभीर प्रश्न हैं, जिनका सभी दलों और मतदाताओं के हित में शीघ्र समाधान होना चाहिए। हमारा लोकतंत्र इतना मूल्यवान है कि इसकी विश्वसनीयता को लापरवाही या जानबूझकर छेड़छाड़ से नष्ट नहीं होने दिया जा सकता।”
उन्होंने चुनाव आयोग को तत्काल कार्रवाई करने और जनता को नियमित जानकारी देने का आग्रह भी किया। थरूर के इस बयान से साफ हो गया कि वे राहुल गांधी के आरोपों को गंभीरता से देख रहे हैं और इस मामले में निष्पक्ष जांच की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं।
राहुल गांधी के आरोप: महादेवपुरा में 1 लाख से ज्यादा वोटों की चोरी?
राहुल गांधी ने कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 1,00,250 वोटों की चोरी का दावा किया था। उन्होंने बताया कि यह सीट बीजेपी ने 32,707 मतों के अंतर से जीती थी, जबकि वोट चोरी के कारण कांग्रेस को नुकसान हुआ। राहुल गांधी ने इस मामले को लोकतंत्र की मजबूती के लिए चुनाव आयोग द्वारा जांच की मांग की थी।
सरकार का जवाब: आरोप बेबुनियाद और अतार्किक
वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राहुल गांधी के आरोपों को ‘अतार्किक’ और ‘बेबुनियाद’ बताया। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति है। जोशी ने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग और बिहार में मतदाता सूची में संशोधन का काम पूरी पारदर्शिता से किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पहले भी किया जा चुका है, जिसमें सुधार हो चुका है।”
JDU सांसद का भी बयान: विपक्ष के आरोप असंवैधानिक
जेडीयू सांसद संजय कुमार झा ने भी SIR प्रक्रिया पर विपक्ष के आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा, “विपक्ष संसद में शोर मचा रहा है, लेकिन बिहार में मतदाता सूची के मुद्दे पर कोई वास्तविक समस्या नहीं है। बिहार में SIR पूरी ईमानदारी से हो रहा है और इसमें पुरानी गड़बड़ियों को ठीक किया जा रहा है।”
राजनीतिक पारा गर्म
कांग्रेस के दो प्रमुख नेताओं के बीच राहुल गांधी के आरोपों को लेकर यह खुला समर्थन राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इससे पार्टी के अंदर मतभेद के बावजूद एकजुटता के संकेत मिले हैं। वहीं, सरकार ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर भरोसा जताया है।
आगे का रास्ता
चुनाव आयोग पर दबाव बढ़ रहा है कि वह इस मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच करे। लोकतंत्र की मजबूती के लिए ऐसे आरोपों की जांच बेहद जरूरी है ताकि मतदाताओं का भरोसा बना रहे। राजनीतिक दलों से उम्मीद है कि वे आरोप-प्रत्यारोप के बजाय संवेदनशीलता से मामले को देखें और लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखें।