★ पुलिसिया रौब दिखा झूठे केस में फंसाने की धमकी
अंबिकापुर @thetarget365 सरगुजा पुलिस के एक आरक्षक को पुलिस का रौब दिखाकर झूठे केस में फंसाने, सैलून छीन लेने जैसी धमकी देने के एवज में सेवा से पृथक होना पड़ा। उक्त आरक्षक पूर्व में अवैधानिक गतिविधियों को लेकर सुर्खियों में रहा है।
पुलिस अधीक्षक सरगुजा योगेश पटेल ने शिकायत की विभागीय जांच राजपत्रित अधिकारी से कराई थी, जिसमें आरक्षक के द्वारा फरियादी के साथ गालीगलौज करते हुए लगाए गए आरोपों की पुष्टि हुई थी। पुलिस अधीक्षक ने आरक्षक के विरूद्ध लगाए गए आरोप प्रमाणित होने पर आरक्षक 88 समीनुल हसन फिरदौसी रक्षित केंद्र अंबिकापुर को सेवा से पृथक कर दिया है। अपचारी आरक्षक के निलंबन अवधि की तिथि 06.12.2023 से 08.08.2024 तक, कुल 246 दिवस को निलंबन में शुमार किया गया है।
फरियादी सैयद आलम एवं अजविंदर कौर के मध्य हैस सैलून को लेकर विवाद हुआ था, जिसका थाना में किसी प्रकार का रिपोर्ट दर्ज नहीं है। इसके बाद भी आरक्षक 88 समीनुल हसन फिरदौसी इनके विवाद के बीच में आकर फरियादी सैयद आलम के अलावा साक्षी फरियादी रेशमा परवीन एवं आयुष सिन्हा को अपने निजी स्वार्थ की सिद्धि के लिए गंदी गालियां देते हुए धमकी दिया था और रेहान अहमद को दूरभाष पर गाली देने जैसा कृत्य किया गया था।
आरक्षक के द्वारा फरियादी को ड्रग्स के केस में फंसाने की धमकी भी दी गई थी। इस कृत्य को अनुशासनहीनता मानते हुए पुलिस अधीक्षक ने निलंबित कर लाइन हाजिर कर दिया था। इसके बाद आवेदक सैय्यद आलम के द्वारा प्रस्तुत शिकायत की प्रारंभिक जांच मानक राम कश्यप उप पुलिस अधीक्षक पु.म.नि. कार्यालय सरगुजा से कराई गई।
उन्होंने सैय्यद आलम पिता अब्दुल आलम चोपड़ा पारा अंबिकापुर, रेहान अहमद पिता मोहम्मद चांद निवासी सूरजपुर, आयुष सिन्हा पिता स्व. त्रिभुवन प्रसाद सिन्हा निवासी सत्तीपारा अंबिकापुर, आरक्षक 274 अजन सिंह पुमनि कार्यालय सरगुजा का कथन लेखबद्ध किया।
सैयद आलम ने जान से मारने की धमकी और ड्रग्स मामले में फंसाने की धमकी देकर उसका सैलून छीन लेने एवं शहर छोड़ने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था। जांच अधिकारी ने इसे अनुशासनहीनता एवं सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के उपनियम 1 के (तीन) का उल्लंघन बताया है।
आवेदिका रेशमा परवीन एवं आवेदक आयुष सिन्हा को भी आरक्षक ने अपने निजी स्वार्थ की सिद्धि के लिए गंदी गालियां देते हुए धमकी देकर घोर कदाचरण को प्रदर्शित किया गया था। जांचकर्ता अधिकारी द्वारा अपचारी आरक्षक 88 समीनुल हसन फिरदौसी के विरूद्ध लगाए गए सैय्यद आलम के आरोप को पूर्णत: और रेशमा परवीन एवं आयुष सिन्हा के आरोप को अंशत: प्रमाणित पाया।
विभागीय जांच में सामने आया कि आरक्षक सीनू फिरदौसी के द्वारा अपने मोबाइल नंबर से सैयद आलम के साला रेहान अहमद के मोबाइल नंबर पर कॉल करके धमकी दी थी, जिसके वार्तालाप का आडियो रिकार्डिंग में पुष्ट हुआ कि आवाज आरक्षक की है।
इनके आवाजों को पहचान कर सत्यापित जांच अधिकारी ने किया है। इसमें आरक्षक के द्वारा अब देखो तुम लोग, ठीक है अब बताते हैं बोलते हुए अपशब्दों का प्रयोग किया गया है। इसे जांच अधिकारी ने अशोभनीय बताते हुए आदेश में उल्लेख करना उचित नहीं बताया है। इस प्रकार रेहान अहमद को दूरभाष पर गालीगलौज के साथ अन्य आरोपों की पुष्टि हुई है।