★ आदिवासी दिवस के बहाने पूर्व खाद्य मंत्री हुए सक्रिय
अंबिकापुर @thetarget365 विश्व आदिवासी दिवस के एक दिन पूर्व प्रदेश के पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने अनुसूचित जनजाति के आरक्षण मामले को लेकर मीडिया से चर्चा की। उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार से अपील की है कि अनुसूचित जनजाति आरक्षण के मामले में एक बार से विचार विमर्श होना चाहिए।
देखें क्या कहा पूर्व खाद्य मंत्री भगत ने 👇
पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त को जनजाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण पर फैसला सुनाया था कि आरक्षण को लेकर और चर्चा करने की जरूरत है। वही आज भी देश में अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के लोगों के साथ भेदभाव हो रहा है। पूर्व मंत्री ने जगन्नाथपुरी मंदिर में हुए एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू को मंदिर के गर्भ गृह में जाने नहीं दिया गया। वहीं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और एक अन्य मंत्री को मंदिर के गर्भ गृह में जाकर पूजा पाठ करने दिया गया। साथ ही कहा कि आईएएस,आईपीएस बड़े उद्योग, बड़े मीडिया जगत में कहीं भी जनजाति के लोग नहीं है। पूर्व मंत्री भगत ने इस मामले में कहा कि आरक्षण लागू करने की मनसा थी कि अनुसूचित जनजाति के लोगों को छुआछूत और हो रहे परेशानियों से बचाने के लिए आरक्षण लागू किया गया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त को जो फैसला सुनाया है उसमें क्रीमी लेयर की बात कही गई है। पूर्व मंत्री भगत ने कहा कि जातिगत जनगणना के अनुसार आरक्षण लागू होना चाहिए और सांसद राहुल गांधी भी इस मुद्दे को लेकर सदन में कई बार आवाज उठा चुके हैं। लेकिन विपक्ष उनके इस जाति जनगणना की बात से सहमत नहीं है। पूर्व खाद्य मंत्री ने राज्य और केंद्र सरकार से भी अपील की है कि अनुसूचित जनजाति आरक्षण के मामले में एक बार से और विचार विमर्श होना चाहिए। जिससे अनुसूचित जनजाति के लोगों को इसका भरपूर फायदा मिल सके।
पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने विधानसभा चुनाव में हार की वजह को बताते हुए कहा कि हम लोगो में ही कमी थी। जिसकी वजह से सबको भुगतना पड़ा है। लेकिन आने वाले समय में इसे भी सुधार लिया जाएगा।
बता दें विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद वर्ष 2024 के शुरुआत में आईटी के छापों ने प्रदेश के पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत को सुखियों में ला दिया था। भगत ने केंद्र सरकार पर आदिवासी नेता को अनावश्यक परेशान करने का आरोप भी लगाया था। लंबे समय तक मीडिया से दूरी बनाने के बाद एक बार फिर से पूर्व मंत्री भगत अब आदिवासी दिवस के बहाने सक्रिय होते नजर आ रहे हैं।