★ उपभोक्ताओं में उपजा आक्रोश, क्वालिटी कंट्रोल अधिकारी की भूमिका संदेह के दायरे में
सीतापुर (सरगुजा)। शासकीय राशन दूकान में गरीबो को काफी घटिया स्तर का चावल बांटा जा जा रहा है। जिससे उपभोक्ताओं में काफी आक्रोश है।
इस संबंध में उपभोक्ताओं ने खाद्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि जिस चावल को जानवर भी नही खा सकते हैं। उसे हमे देकर हमारी गरीबी का मजाक बनाया जा रहा है। इस मामले में राशन की गुणवत्ता जांच करने वाले क्वालिटी इंस्पेक्टर की भूमिका भी संदेह के दायरे में है।घटिया चावल वितरण से नाराज उपभोक्ताओं ने इस मामले में जांच की मांग की है।
विदित हो कि शासकीय उचित मूल्य की दुकान से उपभोक्ताओं को काफी घटिया स्तर का चावल बांटा जा रहा है।जिसे देख उपभोक्ताओं में काफी आक्रोश व्याप्त है। मामला ग्राम पंचायत ढेलसरा में संचालित राशन दुकान का है। जहाँ गरीबो को सस्ते दर पर दिया जाने वाला चावल देख उपभोक्ता बिफर उठे।उन्होंने कहा कि ये हमारे गरीबी का मजाक नही तो और क्या है। जिस चावल को जानवर नही खा सकते है। उसे सोसायटी के माध्यम से हमारे बीच खपाया जा रहा है। उन्होंने खाद्य विभाग पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि बढ़िया चावल कालाबाजारी की भेंट चढ़ जाता है। उसकी जगह सड़ा हुआ चावल हमे दिया जाता है। जबकि सरकार एक ओर पूरक पोषण आहार के जरिये कुपोषण मिटाने का दावा करती है। वही अधिकारी कर्मचारी घटिया और सड़ा चावल वितरण कराते हुए कुपोषण को बढ़ावा दे रहे है। इस मामले में चावल की गुणवत्ता जांच करने वाले क्वालिटी इंस्पेक्टर की भूमिका भी संदेह के दायरे में है। दरअसल सोसाइटियों में जाने वाले चावल की गुणवत्ता की जांच क्वालिटी इंस्पेक्टर द्वारा किया जाता है। जांच के दौरान संतुष्ट होने के बाद ही राशन सोसायटी में वितरण हेतु भेजा जाता हैं। इतना कुछ होने के बाद भी अगर सोसायटी में घटिया चावल वितरण किया जा रहा है।जो यह साबित करता है कि सबकी मिलीभगत से ही सोसायटी में घटिया किस्म का चावल खपाया जा रहा है।
इस संबंध में खाद्य निरीक्षक जी. सिंह ने बताया कि कुछ राशन दुकानों में पुराने स्टॉक का चावल पहुँचा है। इस मामले में जानकारी के बाद उस चावल को किनारे रखवा दिया गया है। उसकी जगह दूसरा चावल भेजने की व्यवस्था की जा रही है।