★ प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी की नृशंस हत्या
अंबिकापुर @thetarget365 सूरजपुर जिले में पदस्थ प्रधान आरक्षक तालिब शेख की पत्नी मेहू फैज और पुत्री आलिया शेख की नृशंस हत्या से नागरिकों में जमकर आक्रोश है। सूरजपुर में बड़ी संख्या में नागरिक थाना के बाहर धरना पर बैठ गए। थोड़ी ही देर में नगर स्वस्फूर्त बंद हो गया है। सूरजपुर जिला मुख्यालय पुलिस छावनी में बदल गया है। आक्रोशित नागरिक आरोपी के घर पहुंच जमकर तोड़फोड़ करने लगे।
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प्रधान आरक्षक की पत्नी और उसकी पुत्री की हत्या में मुख्य संदिग्ध जिला बदर कबाड़ी कुलदीप साहू की तलाश पुलिस कर रही है। इस सिलसिले में उसके कुछ साथियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया ले लिया है। इस बीच सूरजपुर जिले के लटोरी पुलिस चौकी अंतर्गत करवां गांव में एक स्विफ्ट कार पंचर हालत में पुलिस ने जब्त की है। उक्त कार के दरवाजे और भीतर के हिस्से में खून के कुछ धब्बे भी नजर आ रहे हैं। इसके अलावा सूरजपुर में एक और गाड़ी जब्त की गई है। यह गाड़ी एक दूसरे दोस्त की है। घटना में चार-पांच लोगों का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है। ग्रामीणों की माने तो प्रधान आरक्षक की पत्नी और पुत्री का शव अर्द्धनग्न अवस्था में मिला था जिस पर ग्रामीणों ने कपड़ा डाल दिया था। पुलिस मुख्य संदिग्ध को पकड़ने के लिए जगह-जगह दबिश दे रही है।
जिले में बढ़ते अपराध और पुलिस की लचर कार्य प्रणाली के विरोध में नागरिक काफी नाराज है। दोहरे हत्याकांड के बाद बड़ी संख्या में नागरिक कोतवाली के बाहर धरना देकर नारेबाजी कर रहे हैं। नगर बंद का भी असर दिख रहा है। लोगों ने अपनी दुकान स्वेच्छा से बंद कर दी है।
मुख्य संदिग्ध कुलदीप साहू के घर तोड़फोड़, कबाड़ में लगाई आग
सूरजपुर नगर के पुराने बस स्टैंड के पीछे स्थित मुख्य संदिग्ध कुलदीप साहू के घर नाराज नागरिकों ने तोड़फोड़ कर दी है। दोहरे हत्याकांड से नाराज लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने उसके घर में जमकर तोड़फोड़ करते हुए वहां रखे कबाड़ में आग लगा दी है। नागरिक घटना में शामिल लोगों को फांसी की सजा देने की मांग कर नारेबाजी भी कर रहे हैं। मौके पर भारी संख्या में पुलिस मौजूद है और लोगों को समझाइश दी रही है।
पूर्व उप मुख्यमंत्री सिंह देव ने किया ट्विट कहा ‘भयावह अपराध प्रदेश’
छतीसगढ़ के पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंह देव ने घटना पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। सभी छत्तीसगढ़ वासी बहुत ही कष्ट के साथ प्रदेश को एक ‘भयावह अपराध प्रदेश’ में तब्दील होते हुए देख रहे हैं। अपराधी निर्भीक हैं जैसे उन्हें या तो प्रशासन का डर नहीं, या उसके समर्थन पर पूरा भरोसा है।
सूरजपुर में प्रधान आरक्षक की पत्नी और बेटी की बेरहमी से हत्या ने एक बार फिर सरकार और कानून-व्यवस्था की निष्क्रियता को उजागर किया है। जब एक पुलिसकर्मी के परिवार को इस तरह के खतरे में है, तो आम नागरिकों की सुरक्षा का क्या हाल होगा?
सरकार की सुरक्षा व्यवस्था में चूक ने हमारे समाज को एक डरावने भविष्य में धकेल दिया है।
दुर्दात अपराधी निर्मम हत्याएं जैसे भयंकर से भयंकर अपराध कर किस प्रकार फरार हो जा रहे हैं – क्यों पुलिस प्रशासन को इतना कमज़ोर कर दिया गया है कि वो स्वयं खतरे में हैं?
क्यों लगातार हो रहे अपराध और समाज में फैलते भय के बाद भी सरकार में सुधार की कोई योजना नहीं है?
भाजपा सरकार जवाब दे कि आखिर कब तक प्रदेश को ऐसी बर्बरता और अराजकता को सहन करना पड़ेगा?
याद रहे हमारे सुरक्षा बल और उनके परिवार भी छत्तीसगढ़ परिवार का हिस्सा हैं – उनके विरुद्ध ऐसे अन्याय और अपराध नाकाबिले बर्दाश्त हैं। अब और खामोशी नहीं!
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