संयुक्त टीम द्वारा ब्लैक स्पॉट में घटना के कारणों की समीक्षा करते हुए आवश्यक सुधार हेतु तैयार की गई विस्तृत रिपोर्ट
बतौली (सरगुजा)। राष्ट्रीय राजमार्ग 43 पर सड़क बनने के बाद आए दिन हो रही दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अब सरगुजा पुलिस ने ठोस कार्रवाई शुरू कर दी है। लगभग 7 ब्लैक स्पॉट चिन्हांकित किए गए हैं। इन स्थानों पर सुरक्षा के मानक उपाय किए जाएंगे ताकि दुर्घटनाएं कम हो सके। देखना होगा कि आने वाले दिनों में पुलिस सहित यातायात विभाग के उक्त प्रयासों से दुर्घटनाएं कम होती है या नहीं।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 43 का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। अंबिकापुर से लेकर सीतापुर और पत्थलगांव तक निर्माण काफी तेज गति से पिछले दिनों कराया गया। लुचकी घाट में फ्लाईओवर के शुरू होने से लोगों को और राहत मिल सकेगी। लेकिन सड़क बनने के साथ ही दुर्घटनाओं की संख्या में भी काफी इजाफा हुआ है। बतौली क्षेत्र के आसपास और सीतापुर सहित लमगांव और रघुनाथपुर क्षेत्र में दुर्घटनाएं बढ़ी है। इसकी मुख्य वजह लोगों द्वारा अलग-अलग तरह से गिनाई जा रही हैं। कुछ लोगों का कहना है कि पुल पुलियों के पास सड़क मरम्मत का काम स्तरीय नहीं हो पाया है जिस वजह से तेज रफ्तार गाडियां यहां पर आकर दुर्घटना की शिकार हो जाती है। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग 43 पर रोड लाइट भी सही तरीके से नहीं लगाई गई है। कहीं कहीं ज्यादा अंधेरा भी दुर्घटना का कारण बन जाता है। फिलहाल ग्रामीण जनों की लगातार मांग और खबरों इत्यादि के माध्यम से पुलिस विभाग सहित यातायात विभाग का ध्यान आकर्षित कराए जाने के बाद सात ब्लैक स्पॉट निर्धारित किए गए हैं। पुलिस के उच्च अधिकारियों ने एक संयुक्त टीम बनाकर इन स्थानों का सर्वे किया और ब्लैक स्पॉट चिन्हांकित किया। आने वाले दिनों में लोगों को सड़क दुर्घटनाओं से राहत मिलेगी। यातायात पुलिस द्वारा आम जनों को सुविधा प्रदान करने एवं सड़क दुर्घटनाओ को कम करने लगातार अभियान चलाकर कार्यवाही की जा रही है। इसी क्रम मे बीते दिनों सरगुजा पुलिस, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एवं पीडब्लूडी के संयुक्त तत्वाधान मे जिले मे सड़क दुर्घटनाओ मे कमी लाने हेतु राष्ट्रीय राजमार्ग 43 स्थित सिलसिला, नवीन ढाबा झरगवा, कन्या हाई स्कूल बतौली, कुनकुरी घाट पुलिया, शांतिपारा हाई स्कूल, शांतिपारा पुलिया, सेदम हाई स्कूल पुलिया सहित अन्य दुर्घटना जन्य क्षेत्र के ब्लैक स्पॉट का निरीक्षण किया गया है। इसी कारवाही के तहत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमोलक सिंह ढिल्लों के नेतृत्व मे संयुक्त टीम द्वारा ब्लैक स्पॉट का निरीक्षण कर सड़क दुर्घटनाओ के प्रमुख कारणों एवं उनके निदान के सम्बन्ध मे चर्चा कर सड़क मे तकनीकी सुधार किये जाने हेतु अग्रिम कार्यवाही की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई। अति दुर्घटना जन्य क्षेत्रों मे सावधानी संबंधी बोर्ड लगाने, ब्लैक स्पॉट जगहों पर डामरीकरण कराने, सड़को पर संकेतको सहित वाहन स्पीड लिमिट बोर्ड लगाने सम्बन्धी स्थलों का चिन्हांकन किया गया। संयुक्त टीम द्वारा सडको मे आवश्यक सुधार कराने प्रस्ताव बनाकर संयुक्त कार्ययोजना भी तैयार की गई है।
सरगुजा पुलिस के इस विशेष पहल के संबंध में निरीक्षण के दौरान अनुविभागीय अधिकारी पुलिस सीतापुर राजेंद्र मंडावी, थाना प्रभारी बतौली उप निरीक्षक सीपी तिवारी, यातायात प्रभारी उप निरीक्षक विजय कैवर्त, राष्ट्रीय राजमार्ग से अभियंता नितेश तिवारी, पीडब्लूडी सब इंजीनियर नवीन सिंह, दिलीप सक्सेना सहित टीबीसीएल कम्पनी के इंजीनियर सहित अधिकारी कर्मचारी शामिल रहे।
अन्य उपायों की भी जरूरत
गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 43 पर पिछले कुछ महीनो में कई गंभीर दुर्घटनाएं हुई है जिनमें कई लोगों की जान जा चुकी है। पिछले दिनों ही एक ब्रेजा कार और टाटा एस वाहन की टक्कर हो गई थी जिसमें दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हुए। दो दिन पहले ही शांतिपारा पुल के पास रात के अंधेरे में खड़े ट्रैक्टर के पिछले हिस्से से मोटरसाइकिल सवार टकरा गया और उसकी भी तत्काल मौत हो गई। बेलकोटा क्षेत्र में भी इसी तरह की गंभीर दुर्घटनाएं हुई है। रोड लाइट की कमी के अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग में हो रहे दरारें और गड्ढों की नियमित मरमतीकरण की मांग भी क्षेत्र भर में से उठ रही है ।इसके अलावा तत्काल एंबुलेंस सुविधा का न मिलाना भी लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता है। आपातकालीन नंबर की सुविधा और ओवरलोड बड़े वाहनों की लगातार जांच के संबंध में भी मांग की जा रही है। इन्हीं सब प्रयासों से दुर्घटनाओं में कमी आएगी, अन्यथा लगातार ब्लैक स्पॉट बढ़ते जाएंगे और लोगों की मुसीबतें कम नहीं होगी। समय रहते हैं सड़क मरम्मत के दौरान लुचकी घाट और अन्य क्षेत्रों में अनावश्यक घुमावदार अंधे मोड़ के प्रति सर्वे के दौरान ही ध्यान दिया गया होता तो आज राष्ट्रीय राजमार्ग 43 में दुर्घटनाएं कम हो रही होती।