★ घर-घर जाकर स्वाइन फ्लू की जॉच कर रहा स्वास्थ्य अमला
कोरिया @thetarget365 जिले के शिवपुर-चरचा निवासी मृतक महिला के पति को भी जॉच में स्वाईन फ्लू H1 N1 से संक्रमित पाया गया है। जिसे स्वास्थ्य विभाग ने उनके घर में ही आइसुलेट कर दिया है एवं लक्षणों के हिसाब से दवा भी दे दी जा रही है। जबकि महिला के दोनो बच्चों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है।
प्रदेश में स्वाइन फ्लू से हुई दो महिलाओं की मौत में एक मृत महिला कोरिया जिले की है। स्वास्थ्य विभाग महिला की यात्रा इतिहास को खंगालने में जुटी है। कलेक्टर कोरिया चन्दन त्रिपाठी ने स्वास्थ्य केंद्रो के डॉक्टरों व अमले को निर्देश दिए हैं कि कहीं भी स्वाइन फ्लू की शिकायत या लक्षण देखने, सुनने या जानकारी मिलने पर तत्काल डॉक्टरों व लैब टेक्नीशियन की टीम भेजकर जांच करायें। बैकुंठपुर ब्लॉक के एसईसीएल पंडोपारा, झिलमिली में स्वाइन फ्लू H1 N1 का घर-घर जाकर स्वास्थ्य अमले ने जांच कर सर्वे किया।
अब तक 36 घरों का हुआ सर्वे
स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा अब तक 36 घरों का सर्वे किया गया है, जहां 136 लोग निवासरत हैं। सर्दी, खांसी, सांस में तकलीफ की संख्या नहीं पाई गई। बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या नही थी लेकिन 0-5 वर्ष के दो बच्चे बुखार से पीड़ित पाए गए। गर्भवती महिलाओं में इस तरह के लक्षण नहीं पाए गए। सर्विलेंस टीम व जिला टीम में डा. अभय तिर्की एपिडेमियोलॉजिस्ट, लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, स्टाफ- नर्स, ब्लॉक टीम अमृतलाल टुण्डे प्रभारी बीईई, सुपरवाइजर के अलावा एसईसीएल के मैनेजर बंजारे के नेतृत्व में उनकी टीम में डा. चंद्रेश पटेल, लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स द्वारा घर-घर स्वाइन फ्लू के संबंध में सर्वे किया गया।
महिला की हुई थी मौत
स्वाइन फ्लू से मौत का पहला मामला कोरिया जिले के एसईसीएल पाण्डपारा निवासी 51 वर्षीय महिला का है। महिला को बैकुंठपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जांच में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी। 04 अगस्त को रेफर कर अपोलो अस्पताल बिलासपुर में भर्ती करवाया गया। महिला की स्थिति लगातार खराब होने से शुक्रवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
कैंसे करें स्वाइन फ्लू की पहचान
स्वाइन फ्लू H1 N1 संक्रमण सर्दी-जुकाम जैसे लक्षणों वाला होता है। सामान्य सर्दी-जुकाम तीन दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन स्वाइन फ्लू में कई दिनों तक चलता है। स्वाइन फ्लू श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचता है। छोटे बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और दिल, किडनी, फेफड़े, रक्तचाप, कैंसर आदि की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए यह फ्लू घातक हो सकता है। आमतौर पर यह बीमारी सूअरों में होती है, लेकिन कई बार सूअर के सीधे संपर्क में आने पर यह इंसानों में भी फैल जाती है। लंबे समय तक सर्दी जुकाम रहने पर तुरंत स्वाइन फ्लू की जांच करवाना चाहिए।