Chhattisgarh Temple Robbery : छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के मस्तूरी थाना क्षेत्र में स्थित भंवर गणेश मंदिर से एक बार फिर 10वीं शताब्दी की प्राचीन गरुड़ भगवान की मूर्ति चोरी हो गई है। करीब 3 फीट ऊंची और 65 किलो वजनी यह मूर्ति काले ग्रेनाइट से बनी हुई है और इसे चमत्कारिक और अलौकिक शक्तियों से युक्त माना जाता है। इस दुर्लभ और ऐतिहासिक मूर्ति की चोरी के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। श्रद्धालुओं का कहना है कि यह छठी बार है जब यह मूर्ति चोरी हुई है, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था में कोई ठोस सुधार अब तक नहीं हुआ है।
छह बार चोरी, हर बार लौटी मूर्ति
इस मूर्ति को लेकर एक रहस्यमयी बात यह भी है कि अब तक यह छह बार चोरी हो चुकी है, लेकिन हर बार किसी न किसी रूप में यह फिर मंदिर में वापस आ जाती है।पहली बार 2004 में चोरी हुई थी, लेकिन पुलिस ने जल्दी ही इसे बरामद कर लिया था। 2006 में दूसरी बार चोरी हुई, पर चोर इसे गांव के पास ही छोड़कर भाग गए। 2007 में तीसरी बार, और अगस्त 2022 में चौथी बार इसे चुराया गया, तब चोरों ने मंदिर के सेवक को हथियार दिखाकर मूर्ति ले ली थी। बाद में पुलिस ने चार टुकड़ों में मूर्ति को बरामद किया। अब 2025 में छठी बार यह चोरी हुई है, जिससे लोगों में नाराजगी और सुरक्षा को लेकर चिंता गहरा गई है।
अलौकिक शक्ति और लोगों की आस्था
स्थानीय लोगों का मानना है कि इस मूर्ति में कोई अलौकिक शक्ति है, जो इसे चोरों के पास टिकने नहीं देती। इसी विश्वास के चलते लोग यह भी कहते हैं कि जो भी इसे चुराता है, वह पछताता है, क्योंकि न तो वह इसे रख पाता है और न ही बेच पाता है। मूर्ति को लेकर कई लोककथाएं और चमत्कारों की कहानियां भी जुड़ी हुई हैं, जिससे यह केवल एक धार्मिक प्रतीक नहीं बल्कि क्षेत्र की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान भी बन गई है।
मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों ने मंदिर प्रशासन और पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि बार-बार चोरी की घटनाओं के बावजूद सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और सुरक्षा व्यवस्था को सख्त करने का आश्वासन दिया है। लेकिन लोग चाहते हैं कि केवल जांच से नहीं, स्थायी समाधान और सीसीटीवी व चौकीदार जैसी व्यवस्थाएं मंदिर परिसर में की जाएं ताकि ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की यह मूर्ति फिर सुरक्षित रह सके।
गरुड़ भगवान की यह प्राचीन मूर्ति केवल एक आस्था का विषय नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक धरोहर भी है। लगातार हो रही चोरियों से न केवल लोगों की श्रद्धा को ठेस पहुंच रही है, बल्कि सुरक्षा तंत्र की असफलता भी उजागर हो रही है। इस मूर्ति की रहस्यमयी वापसी भले ही लोगों की आस्था को मजबूत करती हो, लेकिन अब समय आ गया है कि प्रशासन इसे संरक्षित करने के लिए ठोस और तकनीकी उपायों को अपनाए।