■ त्यागपत्र सोशल मीडिया में वायरल, IG ऑफिस की कार्यशैली पर उठे सवाल
अंबिकापुर @thetarget365 सरगुजा जिले के लुण्ड्रा थाना में पदस्थ आरक्षक अमित कुमार राजवाड़े (आरक्षक क्रमांक 738) ने पुलिस विभाग के कुछ अधिकारियों पर आरोपियों को संरक्षण देने, न्याय न दिलाने और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए नौकरी से त्यागपत्र देने की बात कही है। उन्होंने इस संबंध में पुलिस अधीक्षक सरगुजा को लिखित आवेदन सौंपा है।
जानकारी अनुसार, आरक्षक अमित राजवाड़े ने बताया कि उन्होंने एक जमीन धोखाधड़ी मामले में 10 लाख रुपये की ठगी की शिकायत दिनांक 2 अगस्त 2024 को थाना मणिपुर में दर्ज कराई थी, लेकिन एफआईआर नहीं की गई। इसके बाद उन्होंने पुलिस अधीक्षक और पुलिस महानिरीक्षक को भी शिकायत की, बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हुई।

आरक्षक ने यह भी बताया कि पूर्व में उनके पैतृक घर से करीब 2 लाख रुपये के सोने-चांदी की चोरी हुई थी, जिसकी एफआईआर थाना लखनपुर में दर्ज की गई थी (अपराध क्रमांक 192/17 धारा 457, 380 भादवि)। लेकिन, तत्कालीन प्रधान आरक्षक मनीष तिवारी पर आरोप लगाया कि उन्होंने आरोपियों से पैसे लेकर गिरफ्तारी नहीं की। इसके बाद वर्ष 2018 में उनके घर से पंप और गांव के अन्य 12 पंप चोरी होने की घटना पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
आरक्षक का आरोप है कि IG कार्यालय में पदस्थ स्टेनो पुष्पेन्द्र शर्मा द्वारा उन्हें बार-बार धमकाया गया और मिलने से इंकार करने पर उनका स्थानांतरण जिला बलरामपुर-रामानुजगंज कर दिया गया। उन्होंने इसे मानसिक प्रताड़ना बताते हुए मजबूरीवश नौकरी से त्यागपत्र देने की बात कही है।
इस संबंध में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमोलक सिंह ढिल्लो ने पूरी बात सुनने के बाद कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं कुछ भी नहीं बोलूंगा। और फोन कट कर दिया।
इस बीच आरक्षक अमित राजवाड़े का त्यागपत्र सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे IG ऑफिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। आमजन के साथ-साथ विभागीय कर्मचारियों में भी इस घटनाक्रम को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। अब देखना होगा कि उच्च स्तर पर इस मामले को कितनी गंभीरता से लिया जाता है।