Weather News@thetarget365 : बंगाल की खाड़ी के पश्चिमी मध्य और दक्षिण-पश्चिम भागों में बना कम दबाव का क्षेत्र अब अच्छी तरह से चिन्हित निम्न दबाव क्षेत्र में बदल गया है। इससे जुड़ा चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) मध्य क्षोभमंडलीय स्तर तक फैला हुआ है। यह सिस्टम अगले 12 घंटों में उत्तर की ओर बढ़ते हुए पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ की ओर शिफ्ट करेगा। इसके बाद अगले 24 घंटों में यह समुद्र में ही धीरे-धीरे कमजोर हो जाएगा। हालांकि, इसका अवशेष अगले 48-72 घंटों तक बंगाल की खाड़ी के मध्य और उत्तरी भागों में बना रहेगा। इर्स सिस्टम के कारण पूर्वोत्तर भारत में वर्षा बढ़ जाएंगी।
यूपी-बिहार से लेकर बंगाल तक बनेगा ट्रफ, बढ़ेगी नमी
भारत के इंडो-गैंगेटिक मैदानी क्षेत्र यानी उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तरी बंगाल के ऊपर एक पूर्व-पश्चिम दिशा में ट्रफ बनने की संभावना है। सा ही, कमजोर हो चुके कम दबाव क्षेत्र का असर बांग्लादेश और पूर्वोत्तर भारत में नमी से भरी दक्षिणी हवाओं को प्रेरित करेगा। बांग्लादेश और उससे सटे असम-मेघालय के पूर्वी भागों में निचले स्तर पर एक अर्ध-स्थायी चक्रवाती परिसंचरण (semi-permanent cyclonic circulation) अगले एक हफ्ते तक सक्रिय रहेगा। इन सभी सिस्टम्स के संयुक्त प्रभाव से पूर्वोत्तर भारत में प्री-मानसून गतिविधियां तेज़ होंगे और यह असर पश्चिम बंगाल तक भी पहुंचेगा।
10 अप्रैल से शुरू होंगी प्री-मानसून गतिविधियां
पूर्वोत्तर राज्यों में मौसम की गतिविधियों में तेज़ी 10 अप्रैल से देखने को मिलेगी। पश्चिम बंगाल में भी 11 अप्रैल से प्री-मानसून गरज-चमक (Thunderstorm) की शुरुआत हो जाएगी। यह स्थिति लगभग एक सप्ताह यानी 17 अप्रैल तक बनी रह सकती है। इस दौरान पश्चिम बंगा और पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में मध्यम से तेज़ बारिश और गरज-चमक के साथ मौसम काफी सक्रिय रहेगा।
‘काल बैशाखी’ से सतर्क रहें ये इलाके
गंगा के मैदानी हिस्सों वाले पश्चिम बंगाल (Gangetic West Benga में कई जगहों पर तेज़ आंधी-तूफान का खतरा रहेगा। इसमें खासतौर पर कोलकाता, मेदिनीपुर, हावड़ा, हुगली, कांथी, डायमंड हार्बर, दीघा, खड़गपुर, झाड़ग्राम, कलैकुंडा, पानागढ़, बर्दवान और बांकुड़ा शामिल हैं।
इन इलाकों में ‘काल बैशाखी’ नाम से प्रसिद्ध स्थानीय तूफानों की आशंका रहेगी, जो आमतौर पर तेज बिजली, आँधी और भारी बारिशः साथ आते हैं। उत्तर बंगाल और उप-हिमालयी क्षेत्रों में भी यह गतिविधि फैल सकती है।