अंबिकापुर @thetarget365 प्रभु यीशु के जन्म का महापर्व क्रिसमस सरगुजा जिले में मसीहीजनों द्वारा परंपरागत ढंग से विविध धार्मिक अनुष्ठानों और उत्साह के साथ मनाया गया। संभाग मुख्यालय अंबिकापुर के नवापारा स्थित महागिरजाघर में देर रात तक विशेष प्रार्थना सभाओं और अनुष्ठानों का आयोजन किया गया।
विशप डॉ. अंतोनिस बड़ा ने दिया शांति और प्रेम का संदेश
महागिरजाघर में आयोजित विशेष प्रार्थना सभा का नेतृत्व विशप डॉ. अंतोनिस बड़ा ने किया। अपने संदेश में उन्होंने कहा कि प्रभु यीशु का जन्म गौशाला में हुआ, जो यह सिखाता है कि हर परिस्थिति में विनम्रता और प्रेम को अपनाना चाहिए। उन्होंने समाज में व्याप्त असहिष्णुता, झूठ और फरेब पर चिंता जताते हुए आपसी भाईचारे और मेल-मिलाप को बढ़ाने की अपील की।
विशप ने कहा, “प्रेम, सेवा और सहिष्णुता ही प्रभु यीशु मसीह के सच्चे संदेश हैं। हमें जाति, धर्म और संस्कृति के भेदभाव से ऊपर उठकर एक-दूसरे की मदद करनी चाहिए।”
लुंड्रा विधायक प्रबोध मिंज ने दी बधाई
महागिरजाघर में लुंड्रा विधायक प्रबोध मिंज भी उपस्थित रहे। उन्होंने क्षेत्रवासियों और मसीह समाज को क्रिसमस की शुभकामनाएं दीं और नए वर्ष के लिए मंगलकामनाएं प्रेषित कीं। विधायक ने कहा, “क्रिसमस प्रेम, सेवा और भाईचारे का पर्व है। हमें इसे सच्चे मन से मनाते हुए समाज में शांति और समृद्धि लाने का प्रयास करना चाहिए।”
चर्चों में गूंजे कैरोल, सजी रंग-बिरंगी रोशनी
क्रिसमस के अवसर पर अंबिकापुर के चर्च और गिरजाघरों को रंग-बिरंगी रोशनी और सजावट से दुल्हन की तरह सजाया गया। रातभर कैरोल गीत गाए गए, और मसीहीजन प्रभु यीशु की स्तुति में झूमते-गाते रहे। आधी रात को विशेष सामूहिक प्रार्थना की गई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
बधाइयों का आदान-प्रदान और सामूहिक भोज
क्रिसमस के दिन लोगों ने एक-दूसरे से मिलकर बधाइयां दीं और समाज में खुशियां बांटीं। मसीह समाज के लोगों ने पारंपरिक व्यंजनों और सामूहिक भोज का भी आयोजन किया। दिनभर बच्चों और युवाओं में उत्साह बना रहा। पूरे दिन अंबिकापुर और आसपास के इलाकों में उत्सव जैसा माहौल रहा। बाजारों और कॉलोनियों में भी क्रिसमस की धूम देखी गई। यह पर्व सभी धर्मों और समुदायों के लोगों को जोड़ने और शांति का संदेश देने का प्रतीक बना।