★ न्यायालयीन कार्यवाही में पारदर्शिता लाने हर गुरुवार को 3 बजे होगा प्रसारण
अंबिकापुर। सरगुजा कलेक्टर विलास भोसकर ने न्यायालयीन कार्यवाही में पारदर्शिता लाने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट की तर्ज पर कलेक्टर कोर्ट के लाइव प्रसारण की शुरूआत की है। अब से हर गुरुवार को 3 बजे से कलेक्टर न्यायालय की कार्यवाही का ऑनलाइन प्रसारण सरगुजा जिले के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर किया जाएगा। पहले ही दिन शहर की बहुचर्चित बेशकीमती जमीन के घोटाले की सुनवाई हुई।
कलेक्टर न्यायालय में आज गुरुवार को शहर के बहुचर्चित जमीन घोटाले की सुनवाई शुरू हुई। कलेक्टर न्यायालय में प्रकरणों की सुनवाई का ऑनलाइन प्रसारण होने के कारण जन सामान्य ने भी डिजिटल माध्यम से सुनवाई को वर्चुअल माध्यम से देखा। सुनवाई में जमीन क्रेताओं की ओर से उनके अधिवक्ता उपस्थित हुए। वहीं कथित भूस्वामी बंसू लोहार की जगह उसका नाती उपस्थित हुआ था।
कलेक्टर भोस्कर विलास द्वारा गुरुवार को अंबिकापुर के नमनाकला स्थित करोड़ों की 4.22 एकड़ जमीन राजस्व अभिलेखों में फर्जीबाड़ा कर मृत बंसू लोहार के स्थान पर दूसरे बंसु लोहार के नाम दर्ज करा बेचने के मामले की सुनवाई की गई। मालूम हो कि सिंहदेव योजना के तहत बंसू लोहार को वर्ष 1967- 68 में नमनाकला में शासकीय नजूल भू-खण्ड क्रमांक 243/1 में से 4.22 एकड़ भूमि का पट्टा जारी किया गया था। वर्ष 1971-72 में नमनाकला के समस्त शासकीय भूमि को नजूल घोषित कर दिया गया। इस बात की जानकारी अंबिकापुर के भू-माफियाओं को मिलने पर उन्होंने नमनाकला निवासी बंसू लोहार के स्थान पर परसा निवासी बंसू लोहार को खड़ा कर उसके नाम जमीन का हस्तांतरित करा दिया था। शिकायत सामने आने के बाद कलेक्टर भोस्कर विलास ने एसडीएम तथा वर्तमान नजूल अधिकारी से प्रकरण की जांच कराई थी। जांच के बाद कलेक्टर ने बंसू लोहार सहित सतीश शर्मा, सन्मोगर वारियर, अभिषेक नागदेव, शेखर अग्रवाल, सुरेन्द्र कुमार अग्रवाल, अनुषा नागदेव, महेश कुमार केडिया और दिनेश कुमार को नोटिस जारी कर गुरुवार को कलेक्टर न्यायालय में जवाब पेश करने कहा था। इनमें से कोई भी व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में नहीं पहुंचा। मामले में बंसू लोहार का नाती उपस्थित हुआ। कलेक्टर ने उससे पूछताछ भी की। उसने बंसू लोहार को रायपुर अस्पताल में भर्ती होना बताया। कलेक्टर ने पांच बजे के बाद उसका बयान लिया। अन्य लोगों की ओर से अधिवक्ता पेश हुए। कलेक्टर ने पक्ष रखने के लिए 21 मार्च की तिथि दी है।
सरगुजा जिला प्रदेश का पहला जिला है, जहां कलेक्टर कोर्ट की कार्यवाही के ऑनलाइन प्रसारण की शुरुआत की गई है। कलेक्टर विलास भोसकर ने बताया कि कई बार आवश्यक कारणों से कोर्ट न आने पर आवेदक अपने केस पर हुई कार्यवाही को देखने से वंचित रह जाते हैं। इस सुविधा से आवेदक घर बैठे भी अपने केस पर कार्यवाही एवं निर्णय देख सकते हैं। इस ऑनलाइन सुविधा से आवेदक अथवा उनके परिजन वकीलों द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों, गवाहों और न्यायालय में हुए फैसले से तुरंत अवगत हो सकेंगे।
★ भूमि संबंधित मामलों पर विशेष संज्ञान
कलेक्टर ने कहा कि न्यायालय में ज्यादातर दर्ज मामले भूमि से संबंधित हैं, जो काफी संवेदनशील मामला है। जिला प्रशासन द्वारा इन प्रकरणों पर विशेष संज्ञान लिया जा रहा है। इसमें शासकीय भूमि की धोखाधड़ी के साथ ही आदिवासी एवं आम लोगों के भी भूमि से जुड़े प्रकरणों को समय पर निराकृत किया जाएगा। कलेक्टर विलास भोसकर ने इस नई व्यवस्था के गांव-गांव में मुनादी कराने के भी निर्देश दिए हैं जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक इसकी जानकारी पहुंचे और ऑनलाइन प्रसारण सुविधा का लोग लाभ उठा सकें।
पुलिस ने एकत्रित किए दस्तावेजी साक्ष्य
जमीन फर्जीवाड़ा मामले में प्रशासन की ओर से गांधीनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। इसमें तत्कालीन नजूल अधिकारी नीलम टोप्पो, राजस्व निरीक्षक नारायण सिंह, राहुल सिंह के अलावा नजूल कार्यालय में पदस्थ लिपिक अजय तिवारी के विरुद्ध धोखाधड़ी, कूटरचना तथा आपराधिक साजिश की गैर जमानती धाराओं के तहत अपराध नामजद किया गया है। मामले में पुलिस की ओर से भी जांच तेज कर दी गई है। गांधीनगर पुलिस ने कलेक्टोरेट परिसर स्थित विभिन्न कार्यालयों से जमीन फर्जीवाड़ा मामले में जरूरी दस्तावेजी साक्ष्य को भी एकत्रित किया है।