बलरामपुर @thetarget365 थाना कोरंधा क्षेत्र के ग्राम कर्राडाड में तीन साल पहले हुई एक जघन्य हत्या का रहस्य आखिरकार पुलिस ने सुलझा लिया है। 27 फरवरी 2022 को एक व्यक्ति का शव क्षत-विक्षत अवस्था में सड़क किनारे मिला था, जिसके 09 टुकड़े कर अधजली हालत में फेंक दिया गया था। मृतक की पहचान ग्राम भवानीपुर निवासी कमिल साय के रूप में हुई थी। इस मामले में थाना कोरंधा में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या व सबूत नष्ट करने का मामला दर्ज किया गया था, लेकिन हत्यारे पुलिस की पकड़ से बाहर थे।
पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर जांच में आई तेजी
तीन साल तक हत्या की गुत्थी अनसुलझी रहने के बाद, पुलिस अधीक्षक वैभव बैंकर के निर्देश पर इस मामले की दोबारा जांच शुरू की गई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) कुसमी के मार्गदर्शन में इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड व गवाहों की नए सिरे से जांच की गई। इस दौरान मुखबिरों से मिली सूचना के आधार पर पुलिस को तीन संदिग्धों की जानकारी मिली।
गिरफ्तार आरोपियों ने कबूला अपराध
पुलिस ने 28 फरवरी 2025 को ग्राम भवानीपुर में घेराबंदी कर फुलेश्वर राम, नंदलाल और राहुल उर्फ दीपकचंद को हिरासत में लिया और उनसे सख्ती से पूछताछ की। तीनों ने अपराध स्वीकारते हुए बताया कि वे जंगली सुअर से फसल बचाने के लिए खेत में 11 हजार वोल्ट की बिजली प्रवाहित तार बिछाए थे, लेकिन दुर्भाग्यवश उसमें कमिल साय फंस गया और उसकी जलकर मौत हो गई।
हत्या छिपाने के लिए किया शव के टुकड़ों का Disposal
आरोपियों ने सबूत मिटाने के लिए शव को रात में खेत में छिपा दिया। अगले दिन फुलेश्वर राम और नंदलाल ने लोहे के गड़ासा और टंगिया से शव के टुकड़े-टुकड़े कर सफेद प्लास्टिक के बोरों में भर दिया और फुलेश्वर के ऑटो से लाश को लेकर ग्राम नीलकंठपुर, कटिमा, कंचनटोली होते हुए ग्राम कर्राडाड के पास सड़क किनारे फेंक दिया।
पुलिस ने तीनों को भेजा न्यायिक रिमांड पर
कोरंधा पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। इस मामले को सुलझाने में थाना प्रभारी उपनिरीक्षक विरासत कुजूर सहित सहायक उपनिरीक्षक दशरथ कुजूर, प्रधान आरक्षक निर्मल एक्का, आरक्षक अमित एक्का, श्रवण मरावी, पूर्णेश कश्यप, रंजीत टोप्पो, जितेंद्र यादव की अहम भूमिका रही। तीन साल से गुमनाम इस जघन्य हत्याकांड का खुलासा होने के बाद पुलिस की इस कार्रवाई की सराहना की जा रही है।