बलरामपुर @thetarget365 छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में बाघ ने दस्तक दी है। एक छोटे से गांव में बाघ के फुटप्रिंट मिलने से पूरे क्षेत्र में भय का माहौल व्याप्त हो गया है। ग्रामीणों ने जब इन पैरों के निशानों को देखा तो उनमें एक अनजाना डर घर कर गया, क्योंकि जंगली बाघ का इतनी नजदीकी आबादी में आना आम बात नहीं है। घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी और विशेषज्ञ मौके पर पहुंच गए और मामले की जांच शुरू कर दी। हालांकि विभाग ने गांव में मिले पंजों के निशान बाघ के होने की अभी पुष्टि नहीं की है। विभाग द्वारा जांच के लिए सैम्पल लिए गए हैं।
बलरामपुर जिले के वन परिक्षेत्र रघुनाथनगर के बभनी गांव में कुछ लोग सुबह खेतों की ओर गए थे। उन्होंने अचानक मिट्टी और खेतों के किनारे पर किसी बड़े जानवर के पैरों के निशान देखे। शुरू में उन्हें समझ नहीं आया कि ये किस जानवर के निशान हो सकते हैं, लेकिन पास के कुछ जानकार लोगों ने बताया कि ये बाघ के पैरों के निशान हो सकते हैं। इसके बाद पूरे गांव में यह खबर फैल गई और लोग अपने-अपने घरों में सुरक्षित होने लगे। रघुनाथनगर के बभनी गांव में बाघ की उपस्थिति से लोग सकते में आ गए हैं। क्योंकि जंगली बाघ के हमले की आशंका बनी रहती है।
वन विभाग के एक्सपर्ट पहुंचे
जैसे ही यह खबर वन विभाग तक पहुंची, तुरंत ही विभाग के एक्सपर्ट और अधिकारियों की टीम मौके पर भेजी गई। इन विशेषज्ञों ने घटना स्थल पर पहुंचकर बाघ के फुटप्रिंट्स की जांच की है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि ये निशान वास्तव में बाघ के ही हैं या किसी अन्य जानवर के विशेषज्ञों ने कई सैंपल इकट्ठा किए और पैरों के निशानों का गहराई से अध्ययन किया।
वन विभाग कर रहा है ग्रामीणों को जागरूक
रघुनाथनगर वन विभाग की टीम ने गांव वालों को जागरूक किया कि किसी भी जंगली जानवर का पीछा करना या उसे डराने की कोशिश करना खतरे का कारण बन सकता है। उन्होंने लोगों को सतर्क रहने और समूह में चलने की सलाह दी। वन विभाग इस बात का भी पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि बाघ इस क्षेत्र में कैसे आया और किस दिशा से आया हो सकता है। यदि बाघ आसपास ही है तो वन विभाग उसे सुरक्षित तरीके से जंगल में वापस भेजने का प्रयास करेगा।