★ पुलिस-ग्रामीणों में हुए हिंसक झड़प के बाद ग्रामीणों के बीच पहुंचा कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल
★ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने सीएम से लगाई सवालों की झड़ी
अंबिकापुर @thetarget365 सरगुजा जिले के उदयपुर वन परिक्षेत्र में परसा कोल ब्लॉक को लेकर 140 हेक्टेयर में छः हजार से अधिक पेड़ों की कटाई प्रशासन के द्वारा करवाई गई। इस दौरान पुलिस और ग्रामीणों में खूनी संघर्ष भी देखने को मिला। जिसमें एक दर्जन पुलिसकर्मी घायल हुए तो वही दूसरी तरफ दर्जनों से अधिक ग्रामीण जन भी घायल हुए। जिसके बाद छत्तीसगढ़ में हसदेव बचाओ और आदिवासियों को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं।
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शनिवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज के साथ पूर्व मंत्री सहित आधा दर्जन से अधिक पूर्व व वर्तमान विधायक ग्रामीणों से मिलने पहुंचे। पिछले दिनों परसा कोल ब्लॉक को लेकर चल रहे आंदोलन में पुलिस-ग्रामीणों में हुई झड़प में घायल ग्रामीणों से भी कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात की।
ग्रामीणों ने बताया कि किस तरह पुलिस की बर्बरता के बीच वे आंदोलन स्थल पर टिके हुए हैं। आरोप लगाया कि फर्जी ग्रामसभा के माध्यम से वनों की कटाई प्रशासन करा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि दो दिन पहले बिना किसी पूर्व सूचना के भारी पुलिस बल के साथ साल्हि, फतेहपुर और हरिहर में वनभूमि के साथ ही राजस्व भूमि पर पेड़ों की कटाई प्रारंभ कर दी गई।
ऐसी भूमि पर भी कटाई की जानकारी ग्रामीणों ने दी जिनपर मुआवजा ही नहीं लिया गया था। प्रशासन के द्वारा बलपूर्वक कटाई के कारण वृक्षों के खेतों में गिरने से फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है। ग्रामीणों का कहना था कि जब वे शान्ति पूर्वक इसका प्रतिवाद कर रहे थे तब पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक खदेड़ना प्रारंभ किया। इस दौरान ग्रामीणों पर लाठीचार्ज किया गया और उनपर पथर फेंके गए। जिसमें कई ग्रामीण घायल हो गए। कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल ने जंगल में जाकर उन पेड़ों को भी देखा जो वर्षों पूर्व से यहां लगे हुए थे लेकिन वे पेड़ अब जमीन पर धरासाई हो चुके थे।
सरकार पर साधा निशाना
प्रभावित ग्रामीणों से मुलाकात के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ग्रामीण पिछले 10 सालों से शांति पूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं। वही ग्रामीण जन फर्जी ग्राम सभा की पुनः जांच सरकार से कराने की बात कह रहे है तो सरकार क्यों सुनने को तैयारी नही हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और भाजपा के इशारों पर हजारों पेड़ कट दिये गए हैं।
दीपक बैज ने मुख्यमंत्री से सवालों का जवाब मांगते हुए कहा कि क्या ये सरकार आदिवासियों को गोली मारकर निजी उद्योगपतियों को कोल माइंस सौपना चाहती हैं। शपथ ग्रहण के दूसरे दिन ही पेड़ों की कटाई शुरू हो जाती है, आखिर इतनी जल्दबाजी सरकार को क्यों है।
आदिवासियों के खून की प्यासी क्यों है सरकार
आदिवासी मुख्यमंत्री होने के बाद भी सरकार आदिवासियों के खून की प्यासी क्यों है। मुख्यमंत्री को यह जवाब देना होगा कि वे आखिर आदिवासियों के जल जंगल, जमीन और खनिज संसाधनों को किसको बेच रहे हैं। उन्होंने अंत में कहा कि इस तरह की बर्बरता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
रोजी रोटी चलाने के लिए खदान खोलने में मदद कीजिए
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज अपने एक दिन के दौरे पर शनिवार को सरगुजा पहुंचे। राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) की खदान परसा कोयला ब्लॉक के प्रभावित ग्राम साल्ही, घाटबर्रा, फतेहपुर, हरिहरपुर, जनार्दनपुर और तारा सहित कुल छह ग्रामों से आए ग्रामीणों ने दीपक बैज को परसा कोयला परियोजना को खोलने में मदद करने की मांग की।
ग्रामीणों ने कहा की विगत चार वर्षों से हमने अपनी जमीन खदान के अधिग्रहण में दे दी है और अब तक नौकरी का इंतेजार कर रहे है। अब चूंकि खदान खुलने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है तो इसके जल्द से जल्द खुलने और सुचारु संचालन में में मदद कीजिए। इससे हम सभी लोगों की रोजी रोटी चल सकेगी।
ग्रामीणों ने बैज को वीडियो दिखाकर बताया कि “कुछ बाहरी तत्वों के द्वारा स्थानीय भोले भाले लोगों को बहकाकर विवाद की स्थित उत्पन्न की जा रही है और क्षेत्र की शांति व्यवस्था में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। ऐसे बाहरी लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए।“
जरूरी मदद दिलाने का दिया भरोसा
ग्रामीणों से मुलाकात के दौरान दीपक बैज ने जरूरी मदद दिलाने का भरोसा दिलाया। महिलाओं ने दीपक बैज से कहा कि हमारी खदान चलते रहने चाहिए और रोजी रोटी छीनना नहीं चाहिए। ग्रामीणों ने बैज को बड़े ही सौहार्द पूर्ण मुलाकात में बताया की परसा कोयला परियोजना के खुलने की प्रक्रिया के तहत हमारे गांव के 19 लोगों को खदान प्रबंधन द्वारा शुक्रवार को नियुक्ति पत्र देकर नौकरी पर रखा गया है। जबकि 10 लोगों पहले से नौकरी कर रहे हैं। वहीं शेष 206 लोगों को भी खदान विकास का कार्य बढ़ते ही नौकरी देने का वादा खदान प्रबंधन द्वारा किया गया है।
दरअसल आरआरवीयूएनएल को सरगुजा एवं सूरजपुर जिला अन्तर्गत आवंटित परसा कोयला ब्लाक से प्रभावित छः ग्रामों में से तीन को मुआवजा भी बांटा जा चुका है जबकि शेष तीन ग्रामों में मुआवजा वितरण की प्रक्रिया जारी है। किन्तु भूमि के अर्जन उपरान्त परियोजना के पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन योजना के तहत जिन्होंने रोजगार का विकल्प चुना है उन्हें परसा परियोजना का संचालन शुरू होने पर आरआरवीयूएनएल संस्थान द्वारा रोजगार प्रदान करना प्रस्तावित है।
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