अंबिकापुर @thetarget365 मेडिकल कॉलेज सह जिला अस्पताल अंबिकापुर में चार दिन से कैंसर का इलाज बंद है। जिससे मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। अस्पताल में पदस्थ ओरल सर्जन की संविदा का नवीनीकरण नहीं होने के कारण उनकी सेवाएं 31 मार्च को समाप्त कर दी गई हैं, जिससे यहां कैंसर उपचार प्रभावित हो गया है। इलाज के लिए अस्पताल आने वाले मरीजों को इधर-उधर भटकना पड़ रहा है, लेकिन उन्हें उचित चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही है। मरीज दूर-दराज से यहां इलाज के लिए आते हैं, लेकिन अब उन्हें रायपुर या बिलासपुर जैसे शहरों में जाना पड़ रहा है। इससे न केवल उनका समय बर्बाद हो रहा है, बल्कि आर्थिक बोझ भी बढ़ गया है।
अस्पताल में इलाज के लिए आए मरीजों ने अपनी तकलीफ जाहिर करते हुए कहा कि पहले उन्हें यहां कैंसर का इलाज मिल जाता था, लेकिन 1 अप्रैल से अस्पताल में डॉक्टर नहीं है। जिससे उनके सामने बिलासपुर, रायपुर जाने की परेशानी खड़ी हो गई है। मरीजों और उनके परिजनों का कहना है कि रायपुर या बिलासपुर जाने में न सिर्फ सफर की दिक्कत होती है, बल्कि वहां इलाज कराना भी महंगा है। मरीजों के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द अस्पताल में डॉक्टर की नियुक्ति की जाए, ताकि मरीजों को समय पर इलाज मिल सके।
केस 1: अस्पताल में 4 दिन से डॉक्टर नहीं, परेशानी बढ़ी
लखनपुर के डीएन यादव ने कहा कि उनके 85 वर्षीय पिता को कैंसर लक्षण है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में इलाज चल रहा था। अस्पताल में 4 दिन से डॉक्टर नहीं है। पिता दर्द और सूजन से परेशान हैं। ऐसे में वे कहां जाएं कुछ समझ नहीं आ रहा है, डॉक्टर के न होने से मजबूरन उन्हें रायपुर जाना होगा।
केस 2: पिता को इलाज के लिए बिलासपुर, रायपुर ले जाना होगा
विकासखंड अंबिकापुर के मलगांव पंचायत के रहने वाले बाबूलाल सिंह ने कहा कि 66 वर्षीय पिता को कैंसर है। इलाज के लिए चार दिन से अस्पताल जा रहे हैं, लेकिन डॉक्टर नहीं हैं। अब ऐसे में पिता को इलाज के लिए बिलासपुर या रायपुर ले जाना होगा। जो डॉक्टर इलाज कर रहे थे, उनकी सेवा समाप्त कर दी गई।
एचओडी छुट्टी पर, सीआर फॉर्म जमा नहीं लिया
अस्पताल में ओरल सर्जन के पद पर डॉ अभिषेक हरिश की संविदा नियुक्ति की गई थी। अस्पताल में मुंह के कैंसर का इलाज डॉ अभिषेक कर रहे थे। संविदा नवीनीकरण नहीं होने से डॉक्टर की सेवा समाप्त कर दी गई। मामले में मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ अविनाश मेश्राम ने कहा कि समय पर सीआर फाॅर्म जमा नहीं होने के कारण डॉक्टर की सेवा समाप्त हो गई। जबकि डॉ अभिषेक का कहना है कि एचओडी के छुट्टी पर जाने के कारण उनके सीआर को आगे नहीं बढ़ाया गया, जिसकी सूचना उन्होंने डीन को दी थी।