अंबिकापुर @thetarget365 शहर से लगे ग्राम डिगमा में माइक्रो फाइनेंस कंपनी के एजेंटो की रिकवरी से परेशान एक बुजुर्ग ने आत्महत्या कर ली। मौत की सूचना पर पहुंची गांधीनगर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। परिजनों सहित स्थानीय निवासियों ने ऐसी माइक्रो फाइनेंस कम्पनियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की मांग की है।
देखें वीडियो 👇
गांधीनगर थाना क्षेत्र के ग्राम डिगमा के मृतक घरभरन बरगाह के द्वारा एक माइक्रो फाइनेंस कंपनी से लोन लिया गया था। लेकिन महीनों से उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नही होने पर वह लोन की किस्त की रकम नहीं चुका पा रहा था। इधर फाइनेंस कंपनी के एजेंटो द्वारा बार-बार क़िस्त जमा करने के लिए उसपर दबाव बनाया जा रहा था। जिससे परेशान होकर बुजुर्ग ने जहर सेवन कर लिया। दो दिनों तक मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उपचार के बाद बीती रात उसकी मौत हो गई। मामले की जांच में ग्राम डिगमा पहुंचे गांधीनगर थाना प्रभारी प्रदीप जायसवास ने उक्त मामले में दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही है।
बता दें माइक्रो फाइनेंस कम्पनियों के चक्कर में पड़कर भोले भाले ग्रामीण बर्बाद हो रहे हैं और आत्महत्या जैसे घातक कदम उठा रहे हैं। यह एक खतरनाक सच्चाई है जो हमारे समाज के लिए एक बड़ा खतरा है।
माइक्रो फाइनेंस कम्पनियां ग्रामीणों को आकर्षक ऋण ऑफर करती हैं, लेकिन उन्हें इसके बारे में पूरी जानकारी नहीं देतीं। इससे ग्रामीणों को लगता है कि वे आसानी से ऋण ले सकते हैं और अपनी जरूरतें पूरी कर सकते हैं। लेकिन जब वे ऋण की अदायगी करने में असमर्थ होते हैं, तो कम्पनियां उन पर दबाव डालती हैं और उन्हें आत्महत्या जैसे घातक कदम उठाने के लिए मजबूर करती हैं।
इस समस्या के लिए सरकार और नियामक एजेंसियों को तुरंत कदम उठाने की जरूरत है। माइक्रो फाइनेंस कम्पनियों को नियंत्रित करने के लिए सख्त नियम बनाने होंगे और ग्रामीणों को ऋण लेने से पहले पूरी जानकारी देनी होगी। इसके अलावा, ग्रामीणों को भी जागरूक होने की जरूरत है। उन्हें माइक्रो फाइनेंस कम्पनियों के बारे में पूरी जानकारी लेनी चाहिए और ऋण लेने से पहले सोच-समझकर निर्णय लेना चाहिए।