नई दिल्ली@thetarget365 : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को दो बड़े व्यापारिक फैसले लेकर वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मचा दी। एक ओर जहां उन्होंने चीन से आयात पर टैरिफ को बढ़ाकर 125% कर दिया, वहीं दूसरी ओर भारत सहित 75 देशों को 90 दिनों की राहत देते हुए टैरिफ को घटाकर 10% करने का ऐलान किया। इन कदमों के चलते अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध और तेज़ होने के संकेत मिल रहे हैं, जबकि बाकी देशों को अमेरिका से व्यापारिक समझौतों पर चर्चा का एक नया अवसर मिल सकता है।
चीन पर सख्त कार्रवाई, 125% टैरिफ लागू
ट्रंप ने चीन के खिलाफ यह सख्त फैसला वहां की कथित अनुचित व्यापार नीतियों और हाल ही में अमेरिकी सामानों पर लगाए गए 84% टैरिफ के जवाब में लिया है। व्हाइट हाउस से जारी बयान में ट्रंप ने कहा, “किसी को तो यह करना ही था। चीन ने लंबे समय तक वैश्विक बाजारों का अनादर किया है।” उन्होंने इसे अमेरिका की आर्थिक सुरक्षा के लिए जरूरी कदम बताया। यह टैरिफ तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है, जिससे अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव और बढ़ने की संभावना है।
भारत समेत 75 देशों को अस्थायी राहत
दूसरे ऐलान में ट्रंप ने 75 देशों को टैरिफ में राहत दी है, जिनमें भारत भी शामिल है। इन देशों पर टैरिफ दर को घटाकर 10% किया गया है और इसे 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया है। ट्रंप ने स्पष्ट किया कि यह छूट केवल उन्हीं देशों को दी जा रही है जिन्होंने अमेरिका पर जवाबी टैरिफ नहीं लगाए हैं और बातचीत के लिए इच्छुक हैं। अमेरिकी प्रशासन के अनुसार, इन देशों ने व्यापारिक समझौतों पर सकारात्मक रुख अपनाया है।
शेयर बाजारों में जोरदार उछाल
ट्रंप की घोषणाओं का सीधा असर वैश्विक वित्तीय बाजारों पर भी देखने को मिला। बुधवार को अमेरिकी शेयर बाजारों में भारी तेजी आई, जहां डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज में 2151 अंकों (5.7%) की उछाल दर्ज की गई। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की रणनीति से अमेरिका को चीन के खिलाफ आर्थिक दबाव बनाने में मदद मिल सकती है, जबकि बाकी देशों के साथ व्यापारिक रिश्ते मजबूत हो सकते हैं।
विश्लेषकों के अनुसार, चीन पर लगाया गया भारी टैरिफ वैश्विक व्यापार व्यवस्था में नई चुनौती पेश कर सकता है। दूसरी ओर, भारत जैसे देशों के लिए यह राहत अवधि अमेरिका के साथ बेहतर व्यापारिक समझौतों की दिशा में एक मौका साबित हो सकती है। ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि आगामी 90 दिनों में व्यापारिक वार्ताएं तेज़ की जाएंगी। विश्व व्यापार संगठन (WTO) में चीन ने इस फैसले को चुनौती देने की बात कही है, जिससे आगामी हफ्तों में अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर और राजनीतिक तनाव देखने को मिल सकता है।