अंबिकापुर @thetarget365 मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मातृ शिशु वार्ड में भर्ती महिला के मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा कर दिया। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सरकार से मुआवजे की मांग की हैं। परिजनों का आरोप है की भर्ती मरीज को देरी से खून चढ़ाने और सही समय में उपचार न मिल पाने से उसकी मौत हुई है।
जानकारी अनुसार, मनेन्द्रगढ़ निवासी प्रमिला को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने उसे मनेन्द्रगढ़ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां से इलाज के लिए बैकुंठपुर अस्पताल ले जाया गया। वहां महिला की डिलीवरी हुई और महिला ने एक पुत्र को जन्म दिया था। जिसके बाद से ही महिला की स्थिति बिगड़ने लगी थी। महिला की स्थिति को देखते हुए डॉक्टर के द्वारा उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर रिफर कर दिया गया। परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मातृ शिशु वार्ड में भर्ती कराया गया। लेकिन इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई।
इलाज में लापरवाही का आरोप लगा परिजनों ने मचाया हंगामा
इलाज के दौरान महिला की मौत हो जाने पर मृतिका के परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा मचाना शुरु कर दिया। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में महिला का सही ढंग से इलाज नहीं किया गया है। इलाज में लापरवाही और समय पर खून नहीं चढ़ाने की वजह से महिला की मौत हुई है। साथ ही मृतिका का पति सोनू यादव ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाया है की महिला को ब्लड की आवश्यकता थी पर अस्पताल में ब्लड नहीं होने के कारण परिजनों को ब्लड खोजने घंटो मशक्कत करनी पड़ी। आरोप है कि ब्लड मिलने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन के द्वारा ब्लड चढ़ाने में देरी की गई है। जिसकी वजह से महिला की मौत हुई है। अब परिजन सरकार से मुआवजे की मांग कर रहें हैं।
इस पूरे मामले को लेकर अस्पताल के उप अधीक्षक ने बताया की बैकुंठपुर से रेफर आने पर महिला को मातृ शिशु वार्ड में भर्ती कर इलाज किया जा रहा था। महिला में हीमोग्लोबिन की कमी थी और जांच में पता चला की महिला को सिकलिन की पुरानी बीमारी थी। बैकुंठपुर अस्पताल में डिलीवरी होने के बाद उसे रेफर करने महिला को गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इधर परिजनों के आरोपो को लेकर अस्पताल के उप अधीक्षक ने जांच करने की बात कही है।
डॉ. जेके रेलवानी
उप अधीक्षक
मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर
बता दें यह ऐसा पहला मामला नहीं है कि जब अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगा हो। इसके पूर्व में भी कई गंभीर आरोप अस्पताल प्रबंधन पर लग चुके हैं। मातृ शिशु वार्ड में जच्चा-बच्चा की मौत हो या फिर बिना इलाज किए मरीजों को वापस भेजने का मामला हो। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। वही एक बार फिर अस्पताल में भर्ती महिला मरीज की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। अब देखना होगा की इस मामले में कब तक जांच होती है और दोषियों पर क्या कार्यवाही की जाएगी।